लखनऊ, 01 दिसंबर । उत्तर प्रदेश विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन शुक्रवार को विधानसभा में प्रश्नकल के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच काफी गहमागहमी देखने को मिली। सपा सदस्यों ने नौकरियों में पिछड़े वर्ग के आरक्षण और प्रदेश के युवाओं को नौकरी से संबंधित सवाल किया। इस पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा के सदस्य सदन से वॉकआउट कर गए।
सपा के संग्राम सिंह ने प्रदेश में बेरोजगारी और सरकारी नौकरियों में पिछड़ों को आरक्षण के अनुरूप नौकरियां न दिए जाने का मुद्दा उठाया। उत्तर प्रदेश में सरकारी विभागों में दी गई नौकरी, रिक्त पदों का ब्यौरा सहित भाजपा के संकल्प पत्र में शामिल वादों के क्रम में कितनी नौकरियां दी गईं, इसकी जानकारी सपा के अभय सिंह सहित अन्य सदस्यों ने सरकार से पूछा।
श्रम एवं सेवा योजन मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि रोजगार मेलों के माध्यम से प्रदेश भर में नौकरियां देने का काम सरकार रही है। भले विपक्षी सदस्य रोजगार मेलों को अप्रासंगिक बता रहे हैं लेकिन रोजगार मेला पूरी तरह से प्रासंगिक है। जिन बेरोजगारों ने सेवायोजन कार्यालय में रजिस्ट्रेशन करवाया है, उन लोगों को उनकी योग्यता के अनुसार तमाम विभागों में रोजगार और नौकरियां दी जा रही हैं। प्रदेश में शिक्षक एवं मार्गदर्शन केंद्र विकसित किए हैं। हम अनुसूचित जाति जनजाति व पिछड़े वर्ग के जो बेरोजगार साथी हैं, उन्हें रोजगार से जोड़ने का काम कर रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि हमने प्रदेश भर में लाखों बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ा है। नौकरियां दी हैं। हमने आउटसोर्सिंग के जरिए भी युवाओं को नौकरियां दी हैं। प्रदेश सरकार ने कामगारों श्रमिकों को रोजगार देने के लिए कामगार आयोग का गठन किया है। हमने सेवायोजन पोर्टल के माध्यम से उनको स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराने के लिए स्थानीय स्तर पर भी व्यवस्था शुरू की है। कॅरियर काउंसलिंग के माध्यम से हम युवाओं को योग्य बना रहे हैं। उनकी योग्यता के अनुसार उन्हें रोजगार और नौकरी देने का काम कर रहे हैं।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि प्रयास हो रहा है कि श्रम एवं संयोजन विभाग के माध्यम से लोगों को कैसे अधिक से अधिक रोजगार दिया जाए। सरकार किसी की भी हो सबको नौकरी नहीं दी जा सकती। सरकारी नौकरी देने की एक सीमा है। हम सबको रोजगार से भले जोड़ रहे हैं लेकिन प्रदेशभर के सभी लोगों को नौकरी नहीं दी जा सकती।
एक अन्य सवाल पर मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि 20 हजार महिलाओं को पुलिस विभाग में स्थाई नौकरी दी गई है। इसके अलावा कोशिश इस बात की है कि हम अधिक से अधिक रोजगार कैसे दें। श्रम एवं संयोजन के माध्यम से लोगों को रोजगार दे रहे हैं। उन्हें स्वावलंबी बना रहे हैं। हमने बीसी सखी योजना भी चलाई है। इसके माध्यम से महिलाओं को रोजगार दे रहे हैं। आज हमने बीसी सखी की योजना के अंतर्गत 58 हजार महिलाओं को रोजगार दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं को बेहतर बनाने का काम इस योजना के माध्यम से किया जा रहा है। हम महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने का काम कर रहे हैं। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए।