लखनऊ, 25 अगस्त । उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि की रिहाई के आदेश के बाद कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति का बयान सामने आया है। प्रजापति ने कहा है कि जेल की नीतियों और कैदियों के आचरण एवं व्यवहार के आधार पर जेल से उनकी रिहाई होती है।
कारागार मंत्री प्रजापति ने शुक्रवार को एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि राज्यपाल के निर्देश के बाद ही किसी भी कैदी की रिहाई के आदेश दिए जाते हैं। इस मामले में भी जैसा भी उनका निर्देश होगा उसके आधार पर आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के विवेक पर हम उंगली नहीं उठा सकते। हमारे यहां से जिस भी कैदी की फाइलें राज्यभवन भेजी जाती हैं उसे राज्यपाल अच्छे से पढ़ती हैं। उनकी टीम भी पूरा अध्ययन करती है उसके बाद ही वो कोई फैसला लेती हैं। राज्यपाल का जो भी निर्णय होता है हम उसका पालन करते हैं।
उल्लेखनीय है कि मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि के जेल में अच्छे आचरण के आधार पर राज्यपाल ने जेल से रिहा करने का आदेश दिया है। इस आदेश पर रोक लगाने के लिए मधुमिता शुक्ला की बहन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार किया। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर आठ हफ्ते में जवाब मांगा है।