बारिश न होने से बढ़ी किसानों की परेशानी, सब्जी की नर्सरी को बचाएं किसान

लखनऊ, 26 जुलाई । धान की रोपाई का काम चल रहा है, लेकिन बारिश न होने से किसानों की परेशानी बढ़ गयी है। वहीं सब्जी के किसान भी बारिश कम होने से नर्सरी में लगे कई रोगों से परेशान हैं। यदि यही स्थिति रही तो प्रदेश में खरीफ की खेती पर बहुत खराब असर पड़ने वाला है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि सब्जियों की नर्सरी को दवाओं के भरोसे जिंदा रखा जा सकता है।

किसान इस समय मिर्च की नर्सरी डाले हुए हैं। बारिश न होने से उसमें सूखा रोग लग रहा है। इससे बचाने का उपाय करने के बावजूद भी पत्तियां पीली पड़ रही हैं। इस संबंध में उद्यान विभाग के उपनिदेशक अनीस श्रीवास्तव का कहना है कि ज्यादा उमस भरी गर्मी में नर्सरी की सिंचाई शाम को करनी चाहिए। इसके साथ ही नर्सरी में नीम का अर्क का छिड़काव कर फफूंद जनित रोगों से पौधों को बचाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि बैंगन आदि की नर्सरियों में किसानों को नमी बनाये रखने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही ज्यादा उमस भरी गर्मी के कारण पौधे मुरझाने लगते हैं। इसके लिए बीच-बीच में नाइट्रोजन का छिड़काव करें। नाइट्रोजन का छिड़काव के साथ ही पत्ती सिकुड़ने का भी डर रहता है। इसके लिए नीम अर्क का प्रयोग फायदेमंद होता है।

उन्होंने कहा कि टमाटर का नर्सरी डालने का अभी समय आ रहा है। इसके लिए किसानों को नर्सरी का खेत अच्छी तरह तैयार कर लेना चाहिए। उसमें खरपतवार न हो, इसका विशेष ध्यान रखें, जिससे नर्सरी अच्छी हो सके। वहीं कृषि विशेषज्ञ डा. पुनीत का कहना है कि धान में सिंचाई का विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। यदि रोपाई के बाद धान के खेत की नमी एक बार खत्म हो जाय तो फिर पुरी फसल तैयार होने तक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। यदि संभव हो तो कुछ समय तक किसानों को धान की नर्सरी को रोपाई करने से रूकें। बारिश शुरू होने पर ही उसकी रोपाई करें।