वाराणसी, 16 नवम्बर । ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का सर्वे गुरुवार को पूरा हो जायेगा। एएसआई टीम तैयार सर्वे रिपोर्ट अपने अधिवक्ता की मौजूदगी में शुक्रवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सौंपेगी। 100 दिन से अधिक समय तक चले सर्वेक्षण में मिले 250 अवशेष को जिलाधिकारी की निगरानी में कलेक्ट्रेट परिसर स्थित कोषागार के लॉकर में जमा करा दिया गया है। एएसआई टीम ने सर्वे का अध्ययन रिपोर्ट भी तैयार कर लिया है। इस रिपोर्ट को सील बंद लिफाफे में जिला जज की अदालत में दाखिल किया जायेगा।
गौरतलब हो कि जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने 21 जुलाई को ज्ञानवापी के सील वजूखाने को छोड़कर शेष परिसर का एएसआई सर्वे कराने का आदेश दिया था। अदालत के निर्देश पर 24 जुलाई को एएसआई टीम ने ज्ञानवापी परिसर में साइंटिफिक सर्वेक्षण शुरू कर दिया। इसके बाद जिला न्यायालय के आदेश के विरोध में प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उच्चतम न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एएसआई के सर्वे पर रोक लगा दी थी। फिर सुप्रीम कोर्ट व इलाहाबाद हाईकोर्ट से आदेश मिलने के बाद एएसआई के 40 सदस्यीय दल ने फिर ज्ञानवापी परिसर में चार अगस्त से सर्वे प्रारम्भ किया था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण टीम ने सर्वे में ग्राउंड पेनिट्रेशन रडार सिस्टम (जीपीआरएस ) सहित अत्याधुनिक उपकरणों की मदद और पारंपरिक तकनीक के जरिए ज्ञानवापी परिसर में बने ढांचे और इसके तहखानों से लेकर गुंबद और शीर्ष की नाप जोख कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार किया। इसमें हैदराबाद और कानपुर के एएसआई विशेषज्ञों ने भी पूरा सहयोग दिया। इससे पहले 14 सितम्बर को सुनवाई के दौरान जिला न्यायालय ने एएसआई और जिला प्रशासन को आदेश दिया था कि सर्वे के दौरान जो भी तथ्य मिलें, उन्हें सुरक्षित और संरक्षित किया जाए।