भारत की प्रसिद्ध व अति प्राचीन विद्या "स्पर्श ध्यान"

भारत की प्रसिद्ध व अति प्राचीन विद्या

प्रयागराज, 12 जुलाई । स्पर्श ध्यान हमारे भारत की प्रसिद्ध और अति प्राचीन विद्या है। यदि सम्भव हो तो भारत सरकार को स्वस्थ, मजबूत और शक्तिशाली बनाने वाली इस पद्धति का परीक्षण करना चाहिए और सफलता मिलने पर इसकी विशेषताओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए इसे आयुष में शामिल करना चाहिए। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित हो सकेंl

उक्त विचार एसकेआर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान की ओर से प्रयागराज रेकी सेंटर पर जाने-माने स्पर्श चिकित्सक सतीश राय ने शुक्रवार को हिन्दुस्थान समाचार संवाददाता से वार्ता के दौरान व्यक्त किया।

उन्होंने बताया कि गर्मी और वर्षा ऋतु के उमस भरे मौसम में पाचन शक्ति कमजोर होती है। ऐसे में तली और मसालेदार खाने से शरीर में फैट और पित्त बढ़ता है। बारिश में मशरूम और हरी पत्तेदार सब्जियां भी खाने से बचना चाहिए। इन मौसम में ताजा गर्म और सुपाच्य भोजन करना लाभकारी होता है।

स्पर्श-ध्यान करना है फायदेमंद

उन्होंने कहा कि बदलते मौसम गर्मी और वर्षा ऋतु में सतर्क रहें। शरीर में पानी की कमी न हो इसके लिए पानी पीते रहे। सीजन के फलों का सेवन करें, स्पर्श-ध्यान को अपनायें। स्पर्श ध्यान करने का शरीर पर विशेष प्रभाव पड़ता है। इससे शारीरिक व मानसिक लाभ होता है। यह यहां की अति प्राचीन विद्या है जो हमारे ऋषि मुनि स्वयं को स्वस्थ रखने के लिए सदा उपयोग करते थे। तनाव और डिप्रेशन से बचने, खुद को सुरक्षित और अंदर से मजबूत बनाने, मन को शांत रखने की यह अद्भुत शक्तिशाली क्रिया है l

स्वस्थ रहने के लिए पूरी जीवन शैली को अपनायें

सतीश राय ने कहा कि अच्छा भोजन तो सभी लोग कर रहे हैं। सिर्फ अच्छे खान-पान से स्वस्थ नहीं रह सकते। स्वस्थ रहने के लिए हमें पूरी जीवन शैली अर्थात समुचित खान पान, योगा और स्पर्श-ध्यान को अपने जीवन में शामिल करना होगा। तभी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित होगी और हम स्वस्थ रहेंगे।

बिना औषधि खिलाए रोगों का सरल इलाज स्पर्श-ध्यान

सतीश राय ने कहा जीवन शैली से सम्बंधित अनेक समस्याओं की जड़ असंतुलित लाइफ-स्टाइल है।वर्तमान में लोगों के अंदर भौतिक क्षेत्र में आगे बढ़ने की होड़ अनियमित खानपान और प्राकृतिक नियमों का उल्लंघन करने के कारण लोगों में ठीक से नींद न आने की समस्याएं बढ़ रही है। लोग डिप्रेशन में जा रहे हैं और यही बड़ी-बड़ी बीमारियों का कारण बन रही है। यदि बिना पैसा खर्च किए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और बिना औषधि खिलाए रोगों का सरल इलाज स्पर्श-ध्यान में है तो सभी लोगों को स्पर्श इस विधि (स्पर्श-ध्यान) को अपनाने की जरूरत है।