मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर ने बनाया लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, तैयार किया सबसे बड़ा वेजिटेरियन शाक्षुका

मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर ने बनाया लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, तैयार किया सबसे बड़ा वेजिटेरियन शाक्षुका
  • मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर ने बनाया नया कीर्त्तिमान, 323.7 किलोग्राम का वेजिटेरियन शाक्षुका बनाकर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में लिखवाया नाम

जयपुर : मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर के होटल मैनेजमेंट विभाग ने देश का सबसे बड़ा और सबसे भारी वेजिटेरियन शाक्षुका बनाकर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल होने का प्रयास किया है। यह खास डिश 8 फीट लंबी और 4 फीट चौड़ी थी, जिसका कुल वजन 323.7 किलोग्राम रहा। इस अनोखे व्यंजन को होटल मैनेजमेंट विभाग के विभागाध्यक्ष एवं प्रोफेसर शेफ डॉ. सौरभ शर्मा के नेतृत्व में तैयार किया गया। डॉ. शर्मा ने बताया कि इस रिकॉर्ड के दावे की सरकारी अधिकारियों द्वारा पुष्टि की गई है। यह डिश 1 घंटे 23 मिनट में तैयार की गई और इसमें 4 शेफ एवं 69 विद्यार्थियों की टीम ने भाग लिया।

इस ऐतिहासिक मौके पर विश्वविद्यालय के कई वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे। एमयुजे के कुलपति प्रो. नीति निपुण शर्मा ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन छात्रों में पाक कला के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। प्रो-प्रेसिडेंट प्रो. करूणाकर ए. कोटेगार ने विभाग की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन न केवल विभाग की क्षमता को दर्शाता है, बल्कि मणिपाल यूनिवर्सिटी की शोध संस्कृति को भी उजागर करता है।

फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट एंड कॉमर्स (FoMCA) के डीन प्रो. ब्रजेश कुमार ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह उपलब्धि देश में हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म एजुकेशन को एक नई दिशा प्रदान करेगी।

यह रिकॉर्ड-ब्रेकिंग शाक्षुका न केवल पाक कला में उत्कृष्टता का उदाहरण है, बल्कि यह रचनात्मकता, सततता और व्यावहारिक शिक्षा को बढ़ावा देने के विश्वविद्यालय के विजन को भी दर्शाता है।

उत्तर आफ्रिका का यह शाक्षुका को एमयुजे ने एक वेजिटरीयन डिश के रूप में प्रस्तुत कर के एक नया परिचय प्रदान किया है। इस भव्य व्यंजन को बनाने में 115 किलो टमाटर, 48 किलो शिमला मिर्च, 60 किलो प्याज, 8 किलो छिला हुआ लहसुन, 4 किलो क्रीम चीज़, 20 किलो टमाटर प्यूरी, 10 किलो टमाटर पेस्ट, 2 किलो ओलिव तेल, 2 किलो मक्खन, 3 किलो नमक, 15 किलो पनीर, 11 किलो दही, 8.2 किलो सूजी, 10 किलो रिफाइंड तेल, 7.5 किलो सॉस और अन्य सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। इस भव्य व्यंजन के साथ मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर ने एक इतिहास रच दिया ओर स्थापन किया एक कीर्त्तिमान ।