जयपुर, 31 मार्च । जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपितों को हाई कोर्ट से राहत देने के फैसले को प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रही है। गहलोत सरकार में जलदाय मंत्री महेश जोशी ने इस बात के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार विधिक राय लेकर हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। सरकार सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन दायर कर और आर्टिकल 136 के तहत एसएलपी दायर करने की पूरी तैयारी कर ली है।
जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपितों को हाई कोर्ट से राहत मिलने के बाद भाजपा गहलोत सरकार को कोर्ट में कमजोर पैरवी करने के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है। भाजपा पर पलटवार करते हुए जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा कि इस तरह के संवेदनशील मुद्दे पर भाजपा को राजनीति नहीं करनी चाहिए। विशेष न्यायालय के फैसले को हाई कोर्ट ने रद्द किया है, लेकिन सरकार के पास अभी भी सुप्रीम कोर्ट का विकल्प है। सरकार विधिक राय ले रही है। आरोपितों को सजा दिलाने के लिए जहां तक भी जाना पड़े सरकार जाएगी। सरकार हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। जोशी ने कहा कि जब बम ब्लास्ट हुए थे उस समय भाजपा की सरकार थी, उन्होंने क्या किया ?
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 13 मई 2008 राजधानी जयपुर की चारदीवारी क्षेत्र में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। एक के बाद एक आठ बम धमाकों में 71 से ज्यादा मासूम लोगों की मौत हुई थी और 180 से अधिक घायल हुए थे। इस मामले में पुलिस ने सलमान, मोहम्मद सैफ, शाहबाज हुसैन, सैफुर्रहमान और सरवर आजमी को गिरफ्तार किया था। जयपुर की विशेष अदालत ने 18 दिसंबर 2019 को शाहबाज हुसैन को बरी कर अन्य चारों आरोपितों को फांसी की सजा सुनाई थी। चारों आरोपितों ने विशेष न्यायालय के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी, जिस पर हाई कोर्ट ने फांसी के आदेश को रद्द करते हुए सभी को बरी कर दिया। जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपितों को हाई कोर्ट से राहत मिलने के बाद भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां, मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी सहित अन्य नेताओं ने सरकार पर तुष्टिकरण की नीति का आरोप लगाया था।