कर्मचारी संगठनों व किसान यूनियनों की मांगों का समाधान कर सकती है पंजाब सरकार, बुलाई बैठक

चंडीगढ़, 13 नवंबर । पंजाब सरकार ने राज्य के आंदोलनकारी कर्मचारियों और किसानों की मांगों को समाधान करने की तैयारी कर ली है। सरकार की तरफ से वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने आंदोलनकारियों को आगामी 22 नवंबर को चंडीगढ़ में बैठक के लिए बुलाया है।

जानकारी के अनुसार कैबिनेट सब कमेटी ने सभी यूनियनों को एक ही दिन बुलाया है, लेकिन सभी के लिए मुलाकात का समय अलग-अलग रखा गया है। यह बैठक पंजाब भवन चंडीगढ़ में होगी। पंजाब सरकार ने समन्वय समिति के साथ बैठक के बाद यह फैसला लिया है। सबसे पहले कैबिनेट सब कमेटी सीपीएफ कर्मचारी यूनियन पंजाब के साथ बैठक करेगी। इसके बाद डेमोक्रेटिक फॉरेस्ट इंप्लाइज यूनियन पंजाब, ऑफिस इंप्लाइज यूनियन पंजाब, कंप्यूटर टीचर्स यूनियन पंजाब के साथ उनकी मांगों को लेकर बैठक होगी। कर्मचारी संगठनों की बैठक के बाद वित्त मंत्री भारतीय किसान यूनियन डल्लेवाल के साथ बैठक करेंगे।

ऑफिस इंप्लाइज यूनियन पंजाब ने मांग है कि अधीक्षकों को पदोन्नत किया जाए, सीनियर सहायकों को पदोन्नत किया जाए, डीसी ऑफिस में नियमानुसार नई भर्तियां की जाएं, ऑफिस कर्मचारियों को टोल प्लाजा से छूट दी जाए।

डेमोक्रेटिक फॉरेस्ट इंप्लाइज यूनियन पंजाब की मांग है कि पंजाब के कच्चे, ठेका और दिहाड़ी मजदूरों को पक्का किया जाए। 15वें अंतरराष्ट्रीय श्रम सम्मेलन के निर्णय के अनुसार वरिष्ठता सूची में प्रतिमाह 26 दिन के स्थान पर 30 दिन की गणना की जानी चाहिए। सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाकर 60 वर्ष करने की मांग रखी गई है। इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन डल्लेवाल की मांग है कि किसानों को सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाए। खराब हुई धान की फसल का मुआवजा दिया जाए। पराली का प्रबंधन सरकार को करना चाहिए।