चंडीगढ़, 7 अप्रैल । पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज कहा कि आम आदमी की सरकार के अथक और ईमानदार प्रयासों से व्यापक स्तर पर राजस्व पैदा हुआ है, जिससे पंजाब वित्तीय घाटे से वित्तीय लाभ वाले राज्य में बदल गया है।
शुक्रवार को पंजाब भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारें हमेशा निजी हित पूरे करने के लिए सोचती थीं जबकि उनकी सरकार ने राज्य के राजस्व में विस्तार करने के लिए सभी चोर-दरवाजे बंद कर दिये हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुत संतोषजनक बात है कि इन प्रयासों के सार्थक नतीजे सामने आए हैं क्योंकि राज्य अधिक से अधिक राजस्व पैदा करने के समर्थ हो गया है। भगवंत मान ने कहा कि राज्य की ईमानदार सरकार ने राजनीतिज्ञों के निजी घरों में फंड जाने की बजाय फंडों का बहाव सरकारी खजाने की तरफ मोड़ दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे राज्य सरकार ने तीन महीनों की देरी के साथ आबकारी नीति अमल में लाई थी परन्तु इससे राज्य को 8841 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि यह राजस्व पिछले वर्ष की अपेक्षा 2587 करोड़ रुपए अधिक है, जो लगभग 41.41 प्रतिशत अधिक बनता है। भगवंत मान ने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष के लिए 9754 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है और अपने निरंतर यत्नों स्वरूप इस लक्ष्य को भी पूरा कर लिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने पहली बार राज्य में जीरो टैक्स वाला बजट पेश किया है। यह अपनी किस्म की पहला जनहितैषी कदम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जीएसटी की वसूली में भारी बढ़ोतरी हुई है। पहले पंजाब जीएसटी वसूली में सबसे बुरा प्रदर्शन कर रहा था परन्तु अब 16.6 प्रतिशत के वृद्धि के साथ राज्य जीएसटी कलेक्शन में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल हो गया है। भगवंत मान ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में 18126 करोड़ रुपए जीएसटी राजस्व एकत्रित हुआ है जबकि उससे पिछले वर्ष 15542 करोड़ रुपए एकत्रित हुए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अलग नवीन प्रयास करते हुए ज़मीन- जायदाद की रजिस्ट्रेशन के लिए स्टांप ड्यूटी पर 2.25 प्रतिशत की छूट देने का नया तजुर्बा किया। जिससे मार्च महीने में राजस्व वसूली में नया रिकार्ड बना। इसकी मिसाल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि फरवरी महीने में 339 करोड़ रुपए का राजस्व आया था जबकि मार्च महीने में यह राजस्व बढ़ कर 658.68 करोड़ रुपए हो गया।
भगवंत मान ने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार सरकार ने 20,200 करोड़ रुपए की बकाया सब्सिडी जारी की है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस सब्सिडी में से 9063.79 करोड़ रुपए कृषि सेक्टर को, 8285.90 करोड़ रुपए घरेलू खपतकारों के लिए सब्सिडी के तौर पर और 2911 करोड़ रुपए औद्योगिक सेक्टर को दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को पिछली सरकारों से पीएलपीसीएल का 9020 करोड़ रुपए का कर्ज विरासत में मिला था और राज्य सरकार 1894 करोड़ रुपए की पाँच किश्तों के द्वारा यह कर्ज भी मोड़ रही है। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक 3538 नौजवानों को पावरकॉम में नौकरियां दी हैं।