मुंबई। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के नेता संजय राऊत ने शुक्रवार को कहा कि देश में सभी के लिए एक कानून होना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार समान नागरिक संहिता लाने की दिशा में आगे बढ़ रही है, इस बारे में उनकी पार्टी आपस में चर्चा कर अंतिम निर्णय लेगी।
संजय राऊत ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे ने समान नागरिक संहिता के पक्ष में दलील दी थी। स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे का नाम लेने का अधिकार किसी को नहीं है। यह राष्ट्रीय एकता का मामला है। वे कहते हैं समान नागरिक कानून, फिर देश में चार कानून हैं, उसका क्या? संजय राउत ने आगे कहा कि भ्रष्टाचार के लिए आप लोगों के लिए अलग कानून है और बाकी लोगों के लिए अलग कानून है, ऐसा क्यों? इस कानून के तहत समाज का मुद्दा आता है, हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा नहीं आता। यह राष्ट्रीय एकता का मुद्दा है। प्रत्येक राज्य में विधानसभा चुनाव को देखते हुए समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार किया जा रहा है। एक बार ड्राफ्ट बन जाए तो हम इस पर चर्चा करेंगे।
संजय राउत ने कहा कि कानून कोई भी हो, हर कोई एक ही चाहता है। बाकी पार्टी के लोगों के लिए अलग कानून और स्वतंत्र पार्टी के लोगों के लिए अलग कानून नहीं चलेगा। बाला साहेब की भूमिका हमें नहीं बतानी चाहिए, सारे कानून सबके लिए बराबर होने चाहिए। राऊत ने कहा कि इस संबंध में विधि आयोग के सामने आठ सौ सवाल आए हैं, समिति में हमारे तीन सदस्य और अन्य सदस्य हैं। इस पर चर्चा के बाद पार्टी अलग से भूमिका तय करेगी।