कोलकाता, 17 मार्च । पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राजनीतिक रणनीति को लेकर 30 मार्च को केंद्रीय गृह एवं सहकारितामंत्री अमित शाह महत्वपूर्ण बैठक करने वाले हैं। इस बैठक में भाजपा के नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष भी मौजूद रहेंगे। इसका मतलब है कि 30 मार्च से पहले नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा।भाजपा ने इस बार किसी बड़े सार्वजनिक कार्यक्रम के बजाय इनडोर बैठक आयोजित करने का फैसला किया है। इससे पहले, रविवार को प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने एक अहम बैठक की, जिसमें आगामी प्रदेश अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया पर चर्चा हुई।भाजपा के संविधान के मुताबिक, राज्य अध्यक्ष के चुनाव के लिए 50 प्रतिशत से अधिक जिलों में अध्यक्ष नियुक्त होने जरूरी हैं। 14 मार्च को पार्टी ने 25 जिलों के अध्यक्षों की घोषणा कर दी, जिससे इस प्रक्रिया को शुरू करने की राह साफ हो गई। इसके बाद रविवार को केंद्रीय पर्यवेक्षक सुनील बंसल, मंगल पांडे और सह-पर्यवेक्षक अमित मालवीय ने प्रदेश भाजपा नेताओं के साथ बैठक की। इस दौरान अटकलें थीं कि राज्य अध्यक्ष पद के लिए नामांकन की प्रक्रिया उसी दिन पूरी कर ली जाएगी, लेकिन गाइडलाइंस के अनुसार, नामांकन पत्र पर प्रस्तावक और समर्थकों के हस्ताक्षर जरूरी होते हैं। इन हस्ताक्षरों के बिना प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। हालांकि, भाजपा सूत्रों के अनुसार, अगले कुछ दिनों में यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।राज्य भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने बैठक के बाद स्पष्ट किया कि प्रदेश नेतृत्व चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है और केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश मिलते ही प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उनका पहला कार्यकाल 2024 के नवंबर में पूरा हो चुका है, लेकिन पार्टी संगठनात्मक ढांचे को स्थिर रखना चाहती है। भाजपा के संगठनात्मक जिलों की संख्या 43 है, और हाल ही में घोषित जिला अध्यक्षों की सूची से साफ संकेत मिलते हैं कि पार्टी नेतृत्व में कोई बड़ा बदलाव करने के पक्ष में नहीं है।
2026 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं और आलाकमान नहीं चाहता कि इस समय बड़े संगठनात्मक बदलाव किए जाएं। यही कारण है कि जिलाध्यक्षों की सूची में भी अधिक बदलाव नहीं किए गए। दक्षिण दिनाजपुर में सुकांत मजूमदार के करीबी स्वरूप चौधरी को फिर से जिला अध्यक्ष बनाया गया है। इसी तरह, सिलिगुड़ी, उत्तर नदिया, उत्तर और दक्षिण कोलकाता, जयनगर जैसे जिलों में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। यहां तक कि बर्दवान-दुर्गापुर सीट से यहां तक कि बर्दवान-दुर्गापुर सीट से दिलीप घोष की हार के बावजूद पूर्व बर्दवान के जिलाध्यक्ष अभिजीत को उनके पद पर बरकरार रखा गया है।प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने इस बारे में कहा कि भाजपा में नेतृत्व व्यक्ति-आधारित नहीं, बल्कि लक्ष्य-आधारित होता है। कई बार नेतृत्व बदलता है और कई बार वही नेतृत्व बरकरार रहता है, लेकिन पार्टी का लक्ष्य हमेशा एक रहता है। उनके इस बयान से यह संकेत मिलता है कि केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश संगठन में बड़े बदलाव के पक्ष में नहीं है।अमित शाह 29 मार्च की रात बंगाल पहुंचेंगे और 30 मार्च को पूरे दिन पार्टी कार्यक्रमों में व्यस्त रहेंगे। इसी दौरान नई प्रदेश इकाई के नेतृत्व की घोषणा भी हो सकती है। भाजपा सूत्रों के अनुसार, शाह की इस बैठक की रूपरेखा तैयार कर केंद्र को भेज दी गई है।