जम्मू, 27 नवंबर । आम आदमी पार्टी के जम्मू के प्रांतीय उपाध्यक्ष अमित कपूर ने सोमवार को कहा है कि जम्मू-कश्मीर के औद्योगिक क्षेत्र में स्थानीय युवाओं के लिए कुशल और अकुशल नौकरियों में आरक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने पार्टी के जानीपुर कार्यालय में जम्मू के विभिन्न क्षेत्रों से मिलने के लिए आए पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही।
पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अमित कपूर ने विकास, रोजगार और अन्य चीजों के संबंध में विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के सामने आने वाले विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके समक्ष विभन्न मुद्दों को उठाया। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के मुद्दों को धैर्यपूर्वक सुना ओर उनको संबंधित अधिकारियों के समक्ष उठाने का आश्वासन दिया। इस दौरान अमित कपूर ने कहा कि गैर-स्थानीय लोगों को औद्योगिक क्षेत्रों में लगाया जा रहा है जबकि स्थानीय युवाओं को औद्योगिक इकाइयों के प्रबंधन से बेरोजगारी और जानबूझकर उपेक्षा का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी जम्मू-कश्मीर के स्थानीय लोगों के लिए नौकरियों, प्राकृतिक संसाधनों और भूमि की सुरक्षा में विश्वास करती है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को आश्वासन देते हुए कहा कि अगर आम आदमी पार्टी जम्मू-कश्मीर में अगली सरकार बनाती है तो स्थानीय लोगों के अधिकारों की रक्षा की जाएगी और औद्योगिक क्षेत्र में स्थानीय लोगों को 80 प्रतिशत तक आरक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र ने स्थानीय युवाओं को शामिल करने के मानदंडों का उल्लंघन किया है और सरकार को उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी प्रदेश के लोगों को दिल्ली और पंजाब की तर्ज पर निःशुल्क बिजली भी मुहैया करवायेगी। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी विधवा/विकलांग/वृद्धावस्था पेंशनभोगी/अनाथों के लिए पेंशन को 1000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति माह करने के लिए प्रतिबद्ध है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की लड़कियों की शादी में सहायता 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये तक की जाएगी। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी उन लोगों की दुर्दशा के बारे में चिंतित है जो विकास में देरी और उनके मुद्दों पर अधिकारियों की खराब प्रतिक्रिया के कारण पीड़ित हैं।
उन्होंने कहा कि निर्वाचित सरकार के अभाव में लोगों के मुद्दे कई गुना बढ़ गए हैं और इसके परिणामस्वरूप लोगों में अलगाव की भावना पैदा हुई है। लोगों का विश्वास बहाल करने के लिए जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराना जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने स्थानीय निकाय चुनावों की भी जोरदार तरीके से पैरवी की।