बसपा सांसद दानिश अली को पार्टी ने किया निलंबित, अली ने बताया फैसला दुर्भाग्यपूर्ण

बसपा सांसद दानिश अली को पार्टी ने किया निलंबित, अली ने बताया फैसला दुर्भाग्यपूर्ण

By Sudhir Goyal

मुरादाबाद I अमरोहा लोकसभा क्षेत्र से बीएसपी के सांसद कुंवर दानिश अली को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने शनिवार को पत्र जारी किया था। जिसमें कुंवर दानिश अली के निलंबन की वजह पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होना बताया था।

कुंवर दानिश अली के निलंबन से बीजेपी के कवर सिंह तवर खेमे में खुशी की लहर I कुंवर दानिश अली ने बीएसपी के टिकट पर 2019में बीजेपी के कवर सिंह तवर को हरा कर संसद में पहुंचे थे ,दानिश अली के रहते बीजेपी को 2024में अमरोहा से जीत मुश्किल है इसी वजह से खुशी हे I

कोन है कुंवर दानिश अली

ज्ञात रहे कि विगत कुछ दिनों पूर्व दिल्ली के भारतीय जनता पार्टी के सांसद रमेश बिधूड़ी ने बसपा सांसद कुंवर दानिश अली पर संसद के अंदर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिसके बाद से बसपा सांसद दानिश अली काफी चर्चा में हैं।

शनिवार को जारी पत्र में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने बताया कि दानिश अली को कई बार मौखिक रूप से कहा गया कि आप पार्टी की नीतियों, विचारधारा और अनुशासन के खिलाफ जाकर कोई बयानबाजी या काम न करें, लेकिन इसके बावजूद आप लगातार पार्टी के खिलाफ काम करते आ रहे हैं। पार्टी हित में आपको बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता से तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।

कब बने सांसद

2019 में बसपा में शामिल हुए थे दानिश अली, इनकी मुस्लिम बाहुल्य इलाके में खासी पैठ है I

सांसद दानिश अली ने 2019 में जनता दल सेक्युलर पार्टी छोड़ने के बाद बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता ली थी। इसके बाद उन्हें अमरोहा से चुनाव लड़ने का मौका मिला था। उनके मुकाबले में भाजपा ने कंवर सिंह तंवर और कांग्रेस ने सचिन चौधरी का टिकट दिया था। उन्होंने कंवर सिंह तंवर को हराया था। पार्टी से निष्कासित होने के बाद वहीं अब चर्चा है कि कुंवर दानिश अली अब कांग्रेस या सपा का दामन थाम सकते हैं। वहीं मुस्लिम बाहुल्य इलाके में दानिश अली की मजबूत पकड़ मानी जाती हे

मूलतः दानिश अली हापुड़ के निवासी हैं I

लोकसभा सांसद दानिश अली मूल रूप से हापुड़ के रहने वाले हैं। उनके दादा महमूद अली विधायक और फिर 1977 में हापुड़ लोकसभा सीट से सांसद रहे थे।

जामिया मिलिया इस्लामिया से पढ़ाई करने वाले दानिश अली ने अपना राजनीतिक सफर जनता दल (सेक्यूलर) के साथ शुरू किया। उन्हें

जनता दल (सेक्युलर) में जनरल सेकेट्री तक की जिम्मेदारी भी दी गई थी । कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल (सेक्यूलर) को मिलाने में दानिश अली ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी । उनके अथक प्रयासों के बाद ही कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) एक हुए थे I

दानिश अली को समूचे विपक्ष का समर्थन

भाजपा सांसद रमेश बिधुड़ी के आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद पूरा विपक्ष बसपा सांसद दानिश अली के समर्थन में आ गया था। जिसके बाद राहुल गांधी ने भी दानिश अली मुलाकात थी।

तभी से राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया था। राहुल गांधी और बसपा सांसद के इस मुलाकात का पता चला तो राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं होने लगीं और दानिश अली को 2024 में कांग्रेस में शामिल होने के कयास लगाने लगे I

कुंवर दानिश अली ने फोन पर बताया

मुझे हमेशा बहन जी का बहुत समर्थन मिला है। उनका यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है।

मैंने हमेश भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध जरूर किया है और आगे भी करता रहूंगा। और चंद पूंजीपतियों की लूट के खिलाफ मैंने जम कर आवाज उठाई थी और आगे भी उठाता रहूंगा। यदि ऐसा करना जुर्म है तो मैंने जुर्म किया है और मैं इसकी सजा भुगतने के लिए तैयार हूं।