मोहन भागवत की टिप्पणी ‘राष्ट्र-विरोधी’, तत्काल माफी मांगें: कांग्रेस

मोहन भागवत की टिप्पणी ‘राष्ट्र-विरोधी’, तत्काल माफी मांगें: कांग्रेस

कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के सच्ची स्वतंत्रता संबंधी बयान की लेकर प्रहार किया और कहा कि राष्ट्र-विरोधी बयान के लिए भागवत को तत्काल माफी मांगनी चाहिए। आरएसएस के सरसंघचालक भागवत ने सोमवार को कहा था कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में मनाई जानी चाहिए क्योंकि अनेक सदियों से दुश्मन का आक्रमण झेलने वाले देश को सच्ची स्वतंत्रता इसी दिन मिली थी।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, श्री मोहन भागवत अक्सर बेतुके बयान देते रहे हैं। लेकिन इस बार अपने निम्नतम मानकों से भी नीचे जाकर उन्होंने जो कहा है वो न सिर्फ़ चौंकाने वाला है बल्कि स्पष्ट रूप से राष्ट्र-विरोधी है। उन्होंने दावा किया कि भागवत का यह बयान न सिर्फ़ महात्मा गांधी और उस समय की पूरी असाधारण पीढ़ी का घोर अपमान है जिन्होंने हमें आज़ादी दिलाई, बल्कि 26 जनवरी 1950 को लागू हुए संविधान पर भी एक और हमला है। रमेश ने कहा, भागवत को अपनी अपमानजनक टिप्पणियों के लिए तुरंत माफी मांगनी चाहिए, जो उस विचारधारा की मानसिकता को दर्शाती हैं जिसने न तो स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया और न ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और डॉ. आंबेबेडकर को उनके जीवनकाल में सम्मान दिया।