जयपुर, 23 अप्रैल । वसुंधरा सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार पर एक दिन का अनशन कर चुके पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने खुद के अनशन को पार्टी विरोधी बताने पर रविवार को तंज कसा। उन्होंने कहा कि 25 सितंबर को जो कुछ हुआ, वह सबके सामने हुआ। खुलेआम सोनिया गांधी के आदेशों की अवहेलना हुई, खड़गे साहब और माकन की खुलेआम बेइज्जती की गई। पार्टी विरोधी गतिविधि तो वह थी। उसके बाद कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हुई, फिर थम गई, उस पर भी सवाल उठेंगे, लेकिन इसका जवाब मेरे पास नहीं है।
पायलट रविवार को जयपुर के झारखंड महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह बात सच है कि 25 सितंबर की घटना हुई वह उस समय की हमारी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विरोध में बगावत थी। जो विद्रोह हुआ था, उससे पार्टी और सरकार को क्षति पहुंची थी। सब पब्लिक डोमेन में है। पार्टी ने शो कॉज नोटिस जारी किए। उसके बाद जवाब आए। नहीं आए तो क्या कार्रवाई हुई, यह सवाल तो बनता ही है। हमने पटवारी पर छापे मारने के लिए वोट नहीं मांगे थे। अनशन के दो सप्ताह के बाद भी सरकार ने कार्रवाई नहीं की है, यह अनशन पार्टी के हित में था। पायलट ने अपना स्टैंड दोहराते हुए कहा कि भाजपा राज के भ्रष्टाचार पर जांच और कार्रवाई की मांग करना पार्टी विरोधी गतिविधि कैसे हो गया? इसी बात को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि मैंने भाजपा राज के भ्रष्टाचार की बात की, यह तो पार्टी के हित में था। हम महात्मा गांधी की पार्टी से आते हैं, जहां अन्याय और गलत पर आवाज उठाई जाती है, इसीलिए मैंने किया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि सरकार ने कार्रवाई की है, कुछ कार्रवाई हुई है, लेकिन हमने पटवारी पर कार्रवाई करने के लिए वोट नहीं मांगे थे। हमने वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार के दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए जनता से वोट मांगे थे।
पायलट ने कहा कि कमलनाथ और वेणुगोपाल से बात हुई, उसमें हमने पक्ष रखा, सच्चाई बताई। बैकग्राउंड को बताया। भविष्य में क्या चाहते हैं, किस दिशा में हमारी पार्टी को जाकर जीत मिल सकती है, उसके बारे में उन्हें सुझाव दिया है। वह सुझाव एक ही है कि हमने जो कहा, वह करके दिखाना चाहिए, क्योंकि हम भाजपा का धुआं निकालने की क्षमता रखते हैं, वह यह इस भ्रम को नहीं फैला दें कि यहां किसी तरह की सांठगांठ है। पब्लिक परसेप्शन बहुत महत्वपूर्ण है, यह परसेप्शन नहीं बने कि मिले हुए हैं, इसलिए मैंने बात को रखा है। उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे की सरकार में तमाम माफिया पनपा। हम राष्ट्रपति से मिले। ज्ञापन दिया। किसी ने गलती की है तो सजा मिलनी चाहिए। अनशन के दो हफ्ते बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है, इसलिए फिर से आग्रह कर रहा हूं। 2013 से 2018 के बीच जब लोगों के बीच गए तो मुद्दा ये था कि वसुंधरा के भ्रष्टाचार को खोलेंगे।
पायलट ने कहा कि हमारे प्रभारी रंधावा साहब संजीदा और समझदार व्यक्ति हैं। रंधावा साहब बाकी सब रिपोर्ट दे रहे हैं तो यह रिपोर्ट भी बनानी चाहिए कि हमारे मंत्री और विधायकों पर कई तरह के आरोप लगे हैं, तो कहीं ना कहीं उससे पार्टी और सरकार की छवि को ठेस पहुंच सकती है। उसका भी संज्ञान लेकर खड़गे साहब और एआईसीसी के नेताओं तक पहुंचाना चाहिए ताकि कार्रवाई करें। कोई कितना बड़ा व्यक्ति हो, किसी पद पर बैठा हो, किसी का चहेता हो, किसका दुश्मन हो, लेकिन अगर कहीं जांच के बाद तथ्य आते हैं तो हमें कार्रवाई करने से परहेज नहीं करना चाहिए, क्योंकि सरकार में बैठे लोग भेदभाव नहीं कर सकते। निष्पक्षता से काम करना पड़ेगा। महेश जोशी पर आरोप लगाकर जान देने वाले रामप्रसाद मामले में पायलट ने कहा कि मौत से पहले दिया गया बयान कोर्ट में मान्य होता है। जांच तो होनी चाहिए। हर व्यक्ति के नैतिकता के पैमाने अलग-अलग होते हैं। कौन इस्तीफा देता है, नहीं देता है, इस्तीफा लेते हैं, नहीं लेते हैं, यह मेरा सब्जेक्ट नहीं है, लेकिन जांच होनी चाहिए।