'मैं पंजाब बोलदा' बहस में शामिल नहीं हुए कांग्रेस, भाजपा व अकाली दल

'मैं पंजाब बोलदा' बहस में शामिल नहीं हुए कांग्रेस, भाजपा व अकाली दल

चंडीगढ़, 1 नवंबर । पंजाब सरकार ने राज्य के मुद्दों पर आयोजित मैं पंजाब बोलदा बहस कार्यक्रम से सभी विपक्षी दलों ने दूरी बनाए रखी। बहस कार्यक्रम केवल सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आआपा) तक ही सीमित होकर रह गया। विपक्ष का आरोप है कि पंजाब सरकार ने अंतिम समय तक इस बहस का अधिकारिक एजेंडा जारी नहीं किया।

पंजाब सरकार ने मैं पंजाब बोलदा विषय पर बुधवार को पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में खुली बहस रखी गई थी। इस विपक्ष का आरोप है कि बुधवार सुबह तक किसी भी दल के पास इस बहस का निमंत्रण नहीं भेजा गया।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने एसवाईएल के मुद्दे पर पंजाब को फटकार लगाए जाने के बाद पंजाब के विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की सरकार को घेर लिया था। इसके बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सभी राजनीतिक दलों को चुनौती देते हुए एसवाईएल समेत कई मुद्दों पर खुली बहस की चुनौती दी थी। पहले इस बहस का आयोजन चंडीगढ़ के टैगोर थिएटर में रखा गया था, लेकिन वहां मंच न मिलने के कारण इस कार्यक्रम को लुधियाना में शिफ्ट कर दिया गया।

इस बहस में शामिल होने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग, नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, अकाली दल प्रधान सुखबीर सिंह बादल, भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ को निमंत्रण दिया गया था। इस बहस से पहले मुख्यमंत्री तथा कई मंत्री सार्वजनिक मंचों से कई मुद्दों पर विपक्ष को इस बहस के दौरान बेनकाब करने का ऐलान कर चुके थे।

आप नेताओं ने दावा किया था कि इस बहस के दौरान पंजाब में ड्रग्स, बेरोजगारी, गैंगस्टरवाद बढ़ाना, किसने किया पंजाब के साथ धोखा, जैसे मुद्दों पर उन राजनीतिक दलों की कार्यशैली को बेनकाब किया जाएगा, जिन्होंने वर्षों तक पंजाब में राज किया। जिसके चलते अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल पहले बहस में शामिल होने से इनकार कर चुके थे। भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बुधवार की सुबह इस बहस में शामिल होने से इनकार कर दिया। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग ने भी इस बहस के शुरू होने से महज दो घंटे पहले शामिल होने से इनकार कर दिया। नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा भी इस महाबहस में शामिल नहीं हुए। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी इस बहस में शामिल होने के लिए लुधियाना पहुंचे, लेकिन उन्हें इस बहस में शामिल नहीं होने दिया गया। सुरक्षा एजेंसियों ने निमंत्रण नहीं होने का हवाला देकर उन्हें वापस भेज दिया।

पंजाब विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने एसवाईएल पुल के पास खड़े होकर कहा कि लाखों रुपये खर्च करके यह आयोजन किया गया है। इसका किसी भी विपक्षी दल को निमंत्रण नहीं दिया गया। बाजवा ने कहा कि एसवाईएल के मुद्दे पर हरियाणा जहां एकजुट है, वहीं पंजाब सरकार कमजोर वकीलों के माध्यम से केस को कमजोर कर रही है। उन्होंने कहा कि आज की महाबहस के लिए चार मुद्दे आआपा की दिल्ली लीडरशिप ने तय किए हैं। यह मुद्दे पंजाबी की बजाए हिंदी में जारी किए गए और इसमें एसवाईएल को शामिल नहीं किया गया। बाजवा ने कहा कि खुली बहस के लिए पंजाबवासियों को निमंत्रण दिया गया, लेकिन केवल आप के विधायकों और समर्थकों को ही बहस देखने के लिए जाने दिया जा रहा है।

इस बीच अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रमजीत सिंह मजीठिया ने बहस शुरू होने से कुछ पल पहले सोशल मीडिया पर कहा कि भगवंत जी, एक बार फिर से आपको दोगला चेहरा पंजाबियों के सामने है। आप हमेशा कहते कुछ और और करते कुछ हो। पंजाबियों को बहस का न्यौता देकर अब आपने पंजाबियों तथा मीडिया के दाखिले पर पाबंदी लगा दी है। लुधियाना को पुलिस छावनी बनाकर रख दिया गया है। पंजाब दिवस पर आपके द्वारा सृजित काला दिवस पंजाबी हमेशा याद रखेंगे।