नई दिल्ली, 01 अप्रैल । कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार वन्यजीवों के संरक्षण को लेकर गंभीर नहीं है। कांग्रेस ने वन्यजीवों के संरक्षण को लेकर जो कानून बनाए थे मोदी सरकार उन्हें संशोधित कर कमजोर कर रही है। इन संशोधनों से हमारे वन्यजीवों और पर्यावरण दोनों को खतरा है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि मोदी सरकार ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 में संशोधन किया है। जिसका कांग्रेस ने विरोध किया था। इस संशोधन से हाथियों के व्यापार का रास्ता खोला जा रहा है। अब राज्य हाथियों के व्यापार के लिए योजना बना सकते हैं।
रमेश ने कहा कि हाल ही में लोकसभा में सरकार ने वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक 2023 पेश किया है। वन संरक्षण अधिनियम-1980 में संशोधन करने वाले इस विधेयक को सरकार ने संसद की संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव रखा और सदन ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। रमेश ने कहा कि सरकार लगातार वन कानूनों को कमजोर कर रही है। मोदी सरकार इन प्रस्तावों पर संवाद करने के बजाय इसे मनमाने ढंग से पास कराने में लगी है।
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आज के ही दिन (1 अप्रैल 1973) को प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत की थी। आज देश में 50 से अधिक टाइगर रिजर्व हैं। टाइगर रिजर्व वाले यही वन्य क्षेत्र देश के घने जंगलों वाले क्षेत्र के दायरे में आते हैं। रमेश ने कहा कि टाइगर के लिए वन जरूरी है और वन के लिए टाइगर लेकिन मोदी सरकार को इन बातों की कोई परवाह नहीं है। वह सब कुछ पूंजीपतियों को सौंपने के लिए लगातार रास्ते बना रहे हैं। वन कानूनों में संशोधन की पहल भी उसी का हिस्सा है।