नई दिल्ली, 21 सितंबर )। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी हमेशा से महिलाओं को आरक्षण देने की पक्षधर रही है। भाजपा के घोषणापत्र में इसकी बात रही है। पार्टी ने हर बार इस संबंध में लाए विधेयक का समर्थन किया है। साथ ही पार्टी ने अपने भीतर महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का काम किया। इसी का उन्हें लाभ मिला और वे आज यहां हैं।
वित्त मंत्री ने सरकार की ओर से राज्यसभा में विपक्ष के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव का महिला आरक्षण विधेयक लाने के लिए धन्यवाद भी दिया। महिला आरक्षण विधेयक को संसद में लाने में देरी के प्रश्न पर सीतारमण ने कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं का आर्थिक और सामजिक सशक्तिकरण किया है। महिलाओं को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है। वहीं उन्हें कई मातृत्व अवकाश जैसी सुविधायें देने का भी काम किया है। इस दौरान उन्होंने सैन्य बलों में महिलाओं को आगे लाने के लिए उठाए गए कदमों को जिक्र किया। इसमें महिलाओं के आरक्षण, सैन्य स्कूलों में बच्चियों की भर्ती, सेना में कमीशन तथा उन्हें कई अन्य दिए लाभों का जिक्र किया।
वित्त मंत्री ने बताया कि कैसे 370 अनुच्छेद को हटाकर जम्मू-कश्मीर की महिलाओं को बराबरी का स्थान दिया गया। मुस्लिम महिलाओं को मजबूत नेतृत्व में ही उनका अधिकार दिया गया। उन्होंने विदूषी भारती का अपने भाषण में उल्लेख किया जिन्होंने मंडन मिश्र और शंकराचार्य के बीच शास्त्रार्थ में निर्णायक की भूमिका निभाई थी।
राज्यसभा में महिला आरक्षण के मुद्दे पर वित्त मंत्री ने कहा कि अप्रत्यक्ष चुनावों की वजह से यह प्रक्रिया काफी जटिल हो जाती है। इसलिए ऐसा नहीं किया गया। विधेयक में लोकसभा, राज्य विधानसभा, दिल्ली संघ शासित राज्य और एससीएसटी आरक्षण से जुड़े संविधानिक प्रावधानों में बदलाव की बात कही गई है। पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर संघ शासित राज्यों के लिए भी प्रावधान लाए जायेंगे।
उन्होंने कहा कि नई संसद में पहले विधेयक के तौर पर महिला आरक्षण से बेहतर विधेयक क्या हो सकता है। यह विधेयक जुमला नहीं है। उनकी सरकार महिलाओं के मुद्दे पर राजनीति नहीं करती । उन्होंने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया को पिछली सरकारों में टाला गया है लेकिन हम इसे नहीं टालेंगे। जणगणना के तुरंत बाद ही परिसीमन आयोग बनाया जाएगा और सीटें बढ़ाने के अलावा महिलाओं के लिए सीटें रिजर्व की जायेंगी।
इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर कुछ सदस्यों की टिप्पणी पर कहा कि एक बराबर संस्था राष्ट्रीय सेविका समिति काम कर रही है। वहीं कम्युनिस्ट पार्टी में बिंद्रा करात को पोलित ब्यूरो का सदस्य बनने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ी।
निर्मला सीतारमण ने 1989 में भाजपा के पंचायतों में महिला आरक्षण के विरोध करने से जुड़े सवाल का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि उस समय प्रश्न राज्यों के अधिकारों से जुड़ा था। कई मुख्यमंत्रियों ने केन्द्र पर राज्यों के अधिकारों में हस्ताक्षेप करने की आशंका जताई थी।
उन्होंने कहा कि संविधान में ओबीसी के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं है ऐसे में ओबीसी महिलाओं के आरक्षण देने का प्रावधान संभव नहीं है। एसी एसटी के लिए प्रावधान है उसमें महिलाओं को आरक्षण दिया जा रहा है।