ऋषिकेश, 10 जनवरी । उत्तराखंड के ऋषिकेश,-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित अटाली गांव में हुए भू-धसाव का असर ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की व्यासी स्थित सुरंग की रिटेनिंग वॉल पर भी पड़ा है। इस दीवार में कई जगह बड़ी दरार आ गई है। रेल विकास निगम के अधिकारियों का कहना है कि अब यह दरार स्थिर है। इसका परियोजना पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
महत्वाकांक्षी ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल परियोजना का व्यासी में सुरंग निर्माण का कार्य चल रहा है। रेल विकास निगम की ओर से सुरंग के मुहाने पर दोनों और रिटेनिंग वॉल बनाई गई है। अटाली गांव में हो रहे भू-धसाव का असर रेल परियोजना के निर्माण पर भी पड़ा है। रिटेनिंग वाल में कई बड़ी दरारें पड़ गई हैं।
जानकारी के मुताबिक 20 दिसंबर से यह दरारें आनी शुरू हुईं थीं, जिनके बढ़ने का क्रम 25 दिसंबर तक जारी रहा। सोमवार को व्यासी में जिला प्रशासन और रेल विकास निगम के अधिकारियों की ग्रामीणों के साथ हुई बैठक में भी यह मामला उठा था। बैठक में रेल विकास निगम के अधिकारियों ने बताया कि यह दरारें अब स्थिर हैं। सुरंग के भीतर निकले जलस्रोत को भी डायवर्ट किया गया है। संपूर्ण क्षेत्र का भूगर्भीय सर्वेक्षण किया जा चुका है। रेल विकास निगम के उप महाप्रबंधक भूपेंद्र सिंह ने बताया कि 25 दिसंबर के बाद से सभी दरारें स्थिर हैं दरारों की चौड़ाई करीब 30 सेंटीमीटर है। इन दरारों से रेल परियोजना पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
भू-धसाव जो 20 दिसंबर को अटाली गांव के समीप -
रेल विकास निगम के महाप्रबंधक रविकांत ने कहा कि निर्माणाधीन टनल टी-4 (पी 01) के बायीं ओर देखने में आया था, उसमें 25 दिसंबर के बाद कोई धसाव देखने में नही आया है, यानी अब भू-धसाव की प्रक्रिया रुक गई है। लेकिन अभी रेल विकास निगम उक्त टनल की बाहर की तरफ फाल्स टनल का निर्माण कर लगभग 20 मीटर अतिरिक्त निर्माण से इस समस्या पर बने संशय को खत्म तो करेगी। साथ ही एक्सपर्ट की टीम गठित कर एक हफ्ते में रिपोर्ट के अनुसार गांव वालों को निर्माण से उपजी समस्या पर उचित कार्य करेगी।