रक्षा मंत्री से तुलसी गब्बार्ड की मुलाकात में हुई रक्षा और सूचना साझाकरण के मुद्दों पर वार्ता

रक्षा मंत्री से तुलसी गब्बार्ड की मुलाकात में हुई रक्षा और सूचना साझाकरण के मुद्दों पर वार्ता

- भारत की यात्रा करने वाली ट्रंप प्रशासन की पहली वरिष्ठ अधिकारी हैं गब्बार्ड

नई दिल्ली, 17 मार्च । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गब्बार्ड की सोमवार को नई दिल्ली में हुई मुलाकात में रक्षा और सूचना साझाकरण सहित कई मुद्दों पर चर्चा की गई। हिंद-प्रशांत क्षेत्र की बहुदेशीय यात्रा पर निकलीं गब्बार्ड ने रविवार को भारत पहुंचने पर 20 देशों के खुफिया और सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक में शामिल हुईं थीं। रक्षा मंत्री के साथ वार्ता भारत-अमेरिका साझेदारी को और मजबूत करने पर फोकस रही।

रक्षा मंत्री ने बताया कि ​नई दिल्ली में अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गब्बार्ड से मिलकर खुशी हुई। हमने रक्षा और सूचना साझाकरण सहित कई मुद्दों पर चर्चा की। सार्थक बैठक में रक्षा सहयोग, खुफिया जानकारी साझा करने और रणनीतिक सहयोग सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसका उद्देश्य भारत-अमेरिका साझेदारी को और मजबूत करना था। दोनों देशों ने क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के लिए सुरक्षा संबंधों को गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (डीएनआई) तुलसी गब्बार्ड रविवार को दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अध्यक्षता में आयोजित एक सम्मेलन में लगभग 20 देशों के खुफिया और सुरक्षा अधिकारियों के साथ शामिल हुईं। तुलसी गब्बार्ड विश्वभर के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की बैठक और रायसीना वार्ता में भाग लेने के लिए भारत में हैं। वह भारत की यात्रा करने वाली ट्रंप प्रशासन की पहली वरिष्ठ अधिकारी हैं। वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र की बहु-देशीय यात्रा पर हैं, जिसमें वह जापान, थाईलैंड और फ्रांस भी जाएंगी।

अपनी इस यात्रा के दौरान उनके प्रधानमंत्री मोदी सहित शीर्ष भारतीय नेतृत्व से मिलने की उम्मीद है। वह 18 मार्च को भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र पर देश के प्रमुख सम्मेलन रायसीना डायलॉग में मुख्य भाषण देंगी। उनके कार्यक्रम का विवरण भारत या अमेरिका की ओर से जारी नहीं किया गया है। ट्रंप प्रशासन में डीएनआई का कार्यभार संभालने के बाद गब्बार्ड की यह दूसरी विदेश यात्रा है। इससे पहले वह फरवरी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के लिए जर्मनी गई थीं।