वाशिंगटन, 10 जनवरी । अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा है कि पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन का ईरान परमाणु कार्यक्रम पर महत्वपूर्ण समझौते जेसीपीओए से हटने का फैसला हाल के वर्षों में अमेरिकी विदेश नीति की सबसे बड़ी रणनीतिक भूल है।
उल्लेखनीय है कि संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) को आमतौर पर ईरान परमाणु समझौते या ईरान समझौते के रूप में जाना जाता है। इस पर सहमति 14 जुलाई, 2015 को ईरान और यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ पी5 प्लस 1 समूह के बीच वियना में बनी थी।
विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में सोमवार को कहा कि मौजूदा (जो बाइडन) प्रशासन, ट्रंप प्रशासन के तब के निर्णय पर पुनर्विचार कर रहा है। यह निर्णय हाल के वर्षों में अमेरिकी विदेश नीति की सबसे बड़ी रणनीतिक गलतियों में से एक है।
पी5 प्लस 1 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य - चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका- प्लस जर्मनी शामिल हैं। पी5 प्लस 1 ने बराक ओबामा प्रशासन के दौरान ईरान के साथ यह समझौता किया था। प्राइस ने कहा कि अमेरिका जेसीपीओए को एक राजनयिक व्यवस्था तक पहुंचाने में सक्षम था क्योंकि उसने ईरान पर महत्वपूर्ण आर्थिक दबाव बनाने के लिए दुनिया भर के सहयोगियों और भागीदारों के साथ काम किया था।