सिरोही, 4 जनवरी । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मंगलवार से दो दिवसीय राजस्थान दौरे पर हैं। बुधवार को वह माउंट आबू स्थित ब्रह्मकुमारी संस्थान के ज्ञान सरोवर पहुंची। यहा वह संस्थान के अनुयायी की तरह सुबह जल्दी उठीं और रोज सुनाई जाने वाली मुरली क्लास में भाग लिया।
इस दौरान उन्होंने बीते दौर को याद करते हुए कहा कि एक समय ऐसी परिस्थिति थी, जब मुझसे कोई मिलने नहीं आया और जीवन अंधकारमय था। तब मुझे लगा मुझे जीना है और उसी भाव को लेकर मैं संस्थान और बाबा (ब्रह्मकुमारी संस्थान के भगवान) के पास गई। इसके बाद मैं संस्थान के करीब आई। संस्थान की बहनों और बाबा ने मुझे हाथ पकड़कर उस परिस्थिति से बाहर निकाला। ब्रह्मकुमारी संस्थान के भाइयों-बहनों ने मुझे बहुत प्यार और स्नेह दिया है। उन्होंने कहा कि मुझसे जो भी करवाया जा रहा है वह भी शिव बाबा ही करवा रहे हैं।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पिछले 13 सालों से ब्रह्मकुमारी संस्थान से जुड़ी हुई हैं। संस्थान से उनका गहरा नाता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पांडव भवन पहुंच संगठन के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के समाधि स्थल शांति स्तम्भ पर पुष्प अर्पित किए। राष्ट्रपति मुर्मू करीब एक घंटा पांडव भवन में रुकीं। आत्मीयता के साथ संगठन के अनुयायियों का हाथ हिलाकर अभिवादन स्वीकार किया। यहां उन्होंने आध्यात्मिक विषयों पर चर्चा की। मुर्मू ने बह्मा बाबा की तपस्या स्थली बाबा के कमरे मेडिटेशन रूम और बाबा की झोपड़ी में गहन राजयोग का अभ्यास किया। राजयोग प्रशिक्षिका राजयोगिनी बीके शीलू बहन ने हिस्ट्री हॉल में संगठन के इतिहास की तस्वीरों का अवलोकन कराया।
राष्ट्रपति ने संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका बीके शशिप्रभा से मुलाकात कर आध्यात्मिक विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। राष्ट्रपति मुर्मू के साथ जलदाय विभाग कैबिनेट मंत्री बी.डी. कल्ला, राष्ट्रपति के सचिव राजेश वर्मा, मिलिट्री सेक्रेटरी मेजर जनरल आरएस मनराल, प्रेस सचिव अजय कुमार, अतिरिक्त प्रेस सचिव विजय कुमार नायक, कैप्टन (आईएन) आरएस रंधावा, निजी सचिव संपदा मेहता, फिजिशियन डॉ. समीक्षा जैन, जिला परिषद अधिकारी शुभमंगला, जिला कलक्टर भंवर लाल समेत बड़ी संख्या में अधिकारीगण मौजूद रहे।
इससे पूर्व राष्ट्रपति ने ब्रह्माकुमारीज संगठन के ज्ञान सरोवर अकादमी परिसर में संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी डॉ. निर्मला से मुलाकात कर ईश्वरीय महावाक्यों का श्रवण किया। उन्होंने राजयोग का अभ्यास भी किया।