आतंकी हमलों के सिलसिले में अब तक 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया

आतंकी हमलों के सिलसिले में अब तक 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया

जम्मू, 10 जनवरी । राजौरी के डांगरी गांव में अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले के सिलसिले में पूछताछ के लिए अब तक 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। हमले में शामिल आतंकियों को पकड़ने के लिए नौवें दिन भी व्यापक तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। एक जनवरी को हुए आतंकी हमले में सात लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य घायल हो गए थे।

अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि हमले के बाद प्रशासन ने संभावित घुसपैठ मार्गों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए स्थानीय स्वयंसेवकों और सीमा ग्रिड वाले ग्राम रक्षा गार्ड (वीडीजी) को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि जिले के विभिन्न स्थानों पर पुलिस ने पोस्टर भी लगाए हैं, जिसमें आतंकियों के बारे में विश्वसनीय जानकारी देने वाले को 10 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई है।

अधिकारियों ने कहा कि सेना, पुलिस और सीआरपीएफ ने दो दर्जन से अधिक गांवों में संयुक्त घेरा बनाकर तलाशी अभियान चला रखा है, जहां हमले से पहले आतंकियों की मौजूदगी की खबरें थीं। उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर पुलिस की विशेष अभियान टीमों को भी निर्धारित स्थानों पर तैनात किया गया है। पुलिस के साथ सीआरपीएफ के अतिरिक्त जवानों को संवेदनशील इलाकों में निगरानी मजबूत करने के लिए तैनात किया गया है।

राजौरी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मोहम्मद असलम ने कहा कि डांगरी हमले में शामिल आतंकियों को मार गिराने के लिए बड़े पैमाने पर आतंकवाद विरोधी अभियान चल रहा है। उन्होंने कहा कि चल रहे अभियान के दौरान अब तक 50 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है और आतंकियों के साथ उनके संबंधों को लेकर पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा कि संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, जिससे लगभग स्पष्ट है कि हमले को अंजाम देने से पहले आतंकी कस्बे में मौजूद थे।

अधिकारियों ने कहा कि भारतीय सेना ने मंगलवार सुबह सुंदरबनी सेक्टर में महादेव मेनका फायरिंग रेंज में स्वयंसेवकों के लिए एक विशेष फायरिंग अभ्यास सत्र आयोजित किया। इसी बीच डांगरी गांव में पूर्व सैनिकों को 40 एसएलआर राइफलें दी गई हैं। अधिकारियों ने कहा कि एलओसी के सीमावर्ती गांवों के 50 से अधिक स्वयंसेवकों ने फायरिंग अभ्यास सत्र में भाग लिया। उन्होंने कहा कि सेना के हथियार संचालकों और शूटिंग विशेषज्ञों ने स्वयंसेवकों के सामने हथियारों के उचित उपयोग का प्रदर्शन किया, जिन्होंने बाद में गोलीबारी का अभ्यास किया।