दिल्ली चुनाव से पहले BJP साम्प्रदायिकता का विषपान करा रही है :कांग्रेस

दिल्ली चुनाव से पहले BJP साम्प्रदायिकता का विषपान करा रही है :कांग्रेस

कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 2020 दिल्ली नामक नफरती फिल्म प्रसारित कर साम्प्रदायिकता का विषपान करा रही है और सत्ता की भूख की आग में देश के सामाजिक ताने-बाने को ताक पर रखने पर उतारू है। पार्टी प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने निर्वाचन आयोग से इस फिल्म के रिलीज पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। यह फिल्म दो फरवरी को रिलीज होने वाली है।

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, दिल्ली में चुनाव के समय बीजेपी एक नफरती फिल्म प्रसारित कर रही है और वह समाज को बांटकर वोट पाने पर उतारू है। सिंघवी ने आरोप लगाया कि बीजेपी चुनाव के दौरान साम्प्रदायिकता का विषपान करा रही है और सत्ता की भूख की आग में देश के सामाजिक ताने-बाने को ताक पर रखने को तैयार है।

सिंघवी ने पूछा कि क्या बीजेपी इस फिल्म की निर्माता, निर्देशक, फाइनेंसर है, क्योंकि बीजेपी नेता अमित मालवीय और दूसरे नेताओं द्वारा इस फिल्म का प्रचार प्रसार किया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस फिल्म के रिलीज के खिलाफ 25 जनवरी को निर्वाचन आयोग में उनकी पार्टी ने शिकायत की। सिंघवी ने कहा कि इस फिल्म के रिलीज पर निर्वाचन आयोग को रोक लगाना चाहिए।

सिंघवी ने कहा कि एक सवाल है जो देश को पूछना चाहिए: चुनाव से कुछ दिन पहले ऐसी फिल्म क्यों रिलीज की गई? 2019 में आम चुनाव से कुछ दिन पहले बीजेपी ने मोदी की बायोपिक रिलीज की थी। हमने चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और चुनाव आयोग ने चुनाव तक उस फिल्म की स्क्रीनिंग और रिलीज को स्थगित करने के आदेश जारी किए। हमें उम्मीद है और भरोसा है कि इस बार भी चुनाव आयोग इसी तरह काम करेगा और अपने ही बनाए नियमों का पालन करेगा। अगर ऐसी फिल्में चुनाव की तारीखों के आसपास रिलीज होती हैं, तो आप चुनावी निष्पक्षता और पारदर्शिता को कूड़ेदान में फेंक रहे हैं। हम सार्वजनिक शांति को भंग करने के लिए बीजेपी के इस कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं।

सिंघवी ने कहा कि मैं अपने सभी राजनीतिक विरोधियों से पूछना चाहता हूँ, खास तौर पर दिल्ली चुनाव के संदर्भ में: क्या आपको चुनाव प्रचार में अपने उम्मीदवारों पर भरोसा नहीं है, और क्या आप हार के सामने खड़े होने से इतने निराश हैं? आप सांप्रदायिक रूप से प्रेरित फिल्म पर निर्भर हैं, जिसका उद्देश्य मतदाताओं को भड़काना, विभाजित करना और गुमराह करना है। क्या आप केवल चुनावी मौसम के लिए फिल्म निर्देशक या निर्माता बने हैं? क्या ये कार्य बीजेपी जैसी तथाकथित राष्ट्रीय पार्टी को शोभा देते हैं? मैं पूछना चाहूँगा कि क्या यह कीचड़ उछालना पूरी तरह से निराधार या बेहद बेबुनियाद आरोपों पर आधारित है? क्या चुनावों के लिए आपके पास यही एकमात्र फॉर्मूला है? वास्तव में, यह केवल आपकी लाचारी और निराशा को दर्शाता है।