तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार को केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उसने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के परिवार को उचित स्थान पर उनके (सिंह के) अंतिम संस्कार के अधिकार से वंचित किया, जहां बाद में उनका स्मारक बनाया जा सके। उन्होंने इसे दिवंगत नेता की विशाल विरासत और सिख समुदाय का अपमान करार दिया।
स्टालिन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार को उनके स्मारक के लिए उचित स्थान पर उनका (सिंह का) अंतिम संस्कार करने के अधिकार से वंचित करने का बीजेपी सरकार का फैसला उनकी विशाल विरासत और सिख समुदाय का सीधा अपमान है। परिवार के अनुरोध को अस्वीकार करना और दो बार के प्रधानमंत्री का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए निगमबोध घाट भेजना अहंकार, पूर्वाग्रह और सार्वजनिक स्मृति से उनके विशाल योगदान को मिटाने का जानबूझकर किया गया प्रयास है।
उन्होंने कहा, डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व ने भारत की अर्थव्यवस्था को बदल दिया और लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला। उनके जैसे कद के नेता का अनादर करना भारत की प्रगति का अनादर करना है। महान नेताओं के अपमान का दाग इतिहास से कभी नहीं मिटता!
स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) कांग्रेस की एक प्रमुख सहयोगी है। कांग्रेस ने केंद्र पर देश के पहले सिख प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए यथोचित स्थान उपलब्ध न कराकर उनकी शख्सियत और विरासत का अपमान करने का आरोप लगाया है।
भारत में आर्थिक सुधारों के जनक कहे जाने वाले पूर्व वित्त मंत्री और दो बार प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार को निधन हो गया था। वह 92 साल के थे।
उनका अंतिम संस्कार शनिवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ निगमबोध घाट पर किया गया। Source: Navjiban