खरगोनः कलेक्टर ने किया जिला चिकित्सालय का आकस्मिक निरीक्षण

खरगोनः कलेक्टर ने किया जिला चिकित्सालय का आकस्मिक निरीक्षण

खरगोन, 19 अक्टूबर । कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने गुरुवार को जिला चिकित्सालय खरगोन का आकस्मिक निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं को देखा। इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मोहन सिंह सिसोदिया एवं सिविल सर्जन डॉ अमर सिंह चौहान भी मौजूद थे।

कलेक्टर शर्मा ने जिला चिकित्सालय के ओपीडी, डायलिसिस यूनिट, नेत्र वार्ड, सीटी स्केन सेंटर का निरीक्षण किया और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन को निर्देशित किया कि वे अस्पताल परिसर में स्वच्छता एवं साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को अच्छी सुविधायें मिलना चाहिए। अस्पताल में डाक्टर्स एवं अन्य स्टाफ की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करें। कहीं से भी शिकायत नहीं मिलना चाहिए कि अस्पताल में समय पर चिकित्सक उपस्थित नहीं रहते हैं। ओपीडी में आने वाले मरीजों की बैठक व्यवस्था बनायी जाये, जिससे उन्हें परेशानी ना हो।

जिला चिकित्सालय की डायलिसिस यूनिट के निरीक्षण के दौरान बताया गया कि यूनिट में 06 मशीनें हैं और डायलिसिस कराने वालों की वेटिंग (प्रतिक्षा सूची) 54 है। इस यूनिट में और मशीनें लगाये जाने की आवश्यकता है। पहले यह यूनिट दो शिफ्ट में काम करती थी, मरीजों की वेटिंग को दृष्टिगत रखते हुए अब इसे तीन शिफ्ट में डायलिसिस करना पड़ रहा है। इस पर कलेक्टर ने एनटीपीसी से चर्चा कर सीएसआर मद से जिला चिकित्सालय में अतिरिक्त डायलिसिस मशीनें उपलब्ध कराने के लिए शीघ्र ही कार्यवाही करने की बात कही। उन्होंने जिला चिकित्सालय में प्रति माह होने वाले प्रसवों की औसत संख्या की जानकारी ली और निर्देशित किया कि प्रसव के उपरांत महिलाओं को दी जाने वाली प्रसूति सहायता राशि के वितरण में विलंब नहीं होना चाहिए। नेत्र वार्ड के निरीक्षण के दौरान बताया गया कि जिला चिकित्सालय में हर माह औसतन 22 ऑपरेशन हो रहे हैं और अक्टूबर से जनवरी माह में ऑपरेशन कराने वाले मरीजों की संख्या बढ़ जाती है।

मरीजों को दिया जा रहा भोजन खाकर देखा

कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने जिला चिकित्सालय के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान मरीजों को प्रतिदिन दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता भी परखी। उन्होंने मरीजों को दिए जा रहे हैं भोजन की जानकारी ली और मरीजों से पूछा कि उन्हें पर्याप्त और अच्छी गुणवत्ता का भोजन मिल रहा है या नहीं। इसके बाद उन्होंने मरीजों को वितरित किए जा रहे भोजन में से स्वयं रोटी और सब्जी खाकर भोजन का स्वाद चखा और गुणवत्ता देखी और वह इससे संतुष्ट भी हुए। मरीज भी इस दृश्य को देखकर चकित हुए और खुश भी हुए कि कलेक्टर ने मरीजों को दिए जा रहे भोजन की गुणवत्ता को लेकर संवेदनशीलता दिखाई। कलेक्टर शर्मा ने इस दौरान निर्देशित किया कि मरीजों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता और सफाई अच्छी रहना चाहिए। इससे किसी भी तरह का समझौता नहीं होना चाहिए।