भोपाल: करणी सेना का महाआंदोलन दूसरे दिन भी जारी, जोरदार प्रदर्शन

भोपाल: करणी सेना का महाआंदोलन दूसरे दिन भी जारी, जोरदार प्रदर्शन

-बैरिकेड्स लगाकर रोका तो प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर शुरू किया हनुमान चालीसा पाठ

भोपाल, 9 जनवरी । आर्थिक आधार पर आरक्षण, बिना जांच एट्रोसिटी एक्ट में गिरफ्तारी रोकने समेत 21 सूत्रीय मांगों को लेकर भोपाल के जंबूरी मैदान पर रविवार से हुआ राजपूत करणी सेना का महाआंदोलन दूसरे दिन भी जारी रहा।

सोमवार दोपहर जंबूरी मैदान से एमपी नगर जा रहे करणी सेना के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को भेल चौराहे पर पुलिस ने रोक दिया, इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर ही हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया। संगठन के प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर धरने के दौरान उन्हें कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।

जानकारी के अनुसार, जंबूरी मैदान से करणी सेना परिवार के लोग एमपी नगर चौराहे पर लगी महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के लिए निकले थे। जैसे ही जंबूरी से एमपी नगर की तरफ बढ़े, उन्हें अगले ही चौराहे पर पुलिस ने रोक लिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस कर्मियों से बहस भी हुई। बताया जा रहा है कि करणी सेना के लोग एमपी नगर में प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद बोर्ड ऑफिस चौराहे पर बने स्मार्ट सिटी के शेड में ही डेरा जमाने की योजना बना रहे थे।

एडिशनल डीसीपी राजेश भदौरिया ने बताया कि अभी करणी सेना परिवार को समझाया गया है कि पर्याप्त अनुमति लेकर प्रदर्शन करें। अभी एक दिवसीय कार्यक्रम की अनुमति थी, जो कल खत्म हो चुकी है और आज की अनुमति नहीं है। इस तरीके से 400-500 लोग लेकर धरना देना गलत है। स्कूली बच्चों, यातायात और एम्बुलेंस को समस्या हो रही है। रास्ते में काफी स्कूल और हॉस्पिटल हैं, जिसके लिए इन्हें यहां रोका गया है। यदि इनका प्रतिनिधिमंडल जाना चाहे तो महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर जा सकता है।

वहीं, करणी सेना परिवार के महामंत्री शैलेन्द्र सिंह झाला ने कहा कि हम जम्बूरी से निकलकर एमपी नगर में महाराणा प्रताप की मूर्ति पर माल्यार्पण करने जा रहे थे। वहीं शेड में हमें बैठना था, लेकिन पुलिस ने हमें रोक लिया। अब हम पीछे नहीं हटेंगे। हमने प्रशासन से कहा है कि हमें चिनार पार्क, बिट्टन मार्केट या एमपी नगर में जगह दे दें, लेकिन प्रशासन हमें अब तक जगह नहीं दे पाया। जब तक जगह तय नहीं होती तब तक हम नहीं हटेंगे। जो लोग घर चले गए थे, वे भी वापस लौट रहे हैं। हमारे साथियों की गाड़ियां निकल चुकी हैं।

आयोजकों का दावा है कि आंदोलन के पहले दिन रविवार को ढाई लाख लोग जुटे। रात में मंच पर 50 लोग ही सोए। मंच के सामने बैठकर आंदोलनकारियों को समर्थन कर रहीं 20 से ज्यादा महिलाओं ने भी रात 2.00 बजे जंबूरी मैदान छोड़ दिया। महिलाएं प्राइवेट गाड़ियों से अस्थाई रूप से मैदान छोड़ कर चली गईं। हालांकि, मैदान में डेढ़ सौ से ज्यादा कार, मैजिक, ट्रक और दूसरे वाहन खड़े हैं। आज सुबह भीड़ फिर बढ़ना शुरू हो गई और दोपहर तक सैकड़ों लोग मैदान में जुट गए।

करणी सेना परिवार के प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर समेत पांच कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि मांगें पूरी होने तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। कुछ कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह आंदोलन दिल्ली के किसान आंदोलन की तरह होगा।

भूख हड़ताल पर बैठे करणी सेना के लोगों का मेडिकल चेकअप करने के लिए जेपी हॉस्पिटल की टीम को लेकर एडिशनल डीसीपी राजेश भदौरिया पहुंचे। मेडिकल चेकअप कराने की जैसे ही बात आई तो करणी सेना के लोग भड़क गए। उन्होंने कहा कि हमारे साथी भी पहले से भूख हड़ताल पर बैठे हैं और मेडिकल चेकअप की टीम अब आई है। प्रशासन हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है। हम मेडिकल चेकअप नहीं कराएंगे। इस पर पुलिस अधिकारी राजेश भदौरिया ने कहा कि आपकी लगातार बात सरकार तक पहुंचाई जा रही है।

नेता प्रतिपक्ष बोले-करणी सेना के साथ हो रहा अन्याय

इधर, मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह ने कहा कि सरकार करणी सेना के साथ अन्याय कर रही है। करणी सेना की जो जायज मांगें हैं, उन्हें मानना चाहिए। करणी सेना ने जो मांग पत्र भेजा है उसमें पिछड़े वर्ग, एससी, एसटी वर्ग के साथ न्याय की बात की है। अगर उसमें कुछ गलत हो तो उसमें सुधार करने में सरकार को कोई आपत्ति नहीं होना चाहिए।