भोपाल, 14 अक्टूबर । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया से शनिवार सुबह फांसी की सजा से दंडित एक कैदी जेल प्रहरियों को चकमा देकर फरार हो गया। सूचना मिलने पर पुलिस पर पुलिस सक्रिय हो गई है और फरार कैदी की तलाश शुरू कर दी है। मामले में लापरवाही बरतने पर दो जेल प्रहरियों को निलंबित कर दिया गया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, गुना जिले के राघौगढ़ निवासी रजत सैनी पुत्र सुरेश सैनी दोस्त की हत्या कर उसका जलाने के मामले में भोपाल की सेन्ट्रल जेल में बंद था। उसके खिलाफ खजूरी थाने में हत्या का मामला दर्ज था और उसे कोर्ट ने मामले में फांसी की सजा सुनाई थी। गत 12 अक्टूबर की रात उसकी अचानक तबियत बिगड़ने पर उसे तत्काल जेल अभिरक्षा में उपचार और परीक्षण के लिए हमीदिया अस्पताल भोपाल भेजा गया था, जहां उसका इलाज चल रहा था। इसी बीच शनिवार सुबह वह हथकड़ी खोलकर सुरक्षा में तैनात जेल प्रहरियों को चकमा देते हुए अस्पताल से भाग निकला। सूचना मिलते ही कोहेफिजा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और फरार कैदी की तलाश शुरू की। पुलिस ने फरार कैदी के खिलाफ अभिरक्षा से भागने का केस दर्ज कर लिया है। वहीं, मामले में पुलिस ने ड्यूटी पर तैनात दो प्रहरियों को निलंबित कर दिया है। फिलहाल पुलिस फरार कैदी की तलाश कर रही है।
खुद को मरा हुआ साबित करने के लिए की थी दोस्त की हत्या
दरअसल, फरार कैदी रजत सैनी को भोपाल से 2017 में नकली नोट बेचने के मामले में गिरफ्तार किया था। इस मामले में कोर्ट ने उसे सात साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद 2018 में गुना जिले के राधौगढ़ में नाबालिग बच्चे के अपहरण के मामले में उसे 2019 में आजीवन कारावास की सजा हुई थी। वह ग्वालियर जेल मे बंद था और 23 मई 2022 को केंद्रीय जेल ग्वालियर से पेरोल पर बाहर आया था। उसे 6 जुलाई 2022 को वापस पहुंचना था, लेकिन वह पेरोल से वापस ही नहीं लौटा और फरार हो गया। इसी दौरान उसने खुद को मरा साबित करने के लिए बीएससी के छात्र अमन दांगी की बैट और हथौड़े से पीटकर हत्या कर दी और इसके बाद पेट्रोल डालकर उसकी लाश को जला दिया, ताकि उसकी शिनाख्त न हो सके, लेकिन जांच के दौरान सच सामने आ गया। इस मामले में सबूतों और गवाहों को मद्देनजर रखते हुए मई 2023 मे सप्तम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश डॉ. धर्मेंद्र टाडा की कोर्ट ने आरोपित को फांसी के साथ दो अन्य मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई थी।