रांची, 5 अक्टूबर |झारखंड हाई कोर्ट में झारखंड स्टाफ सलेक्शन कमीशन (जेएसएससी) द्वारा फिजिकल एजुकेशन टीचर पद के लिए बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए) की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले मुकेश कुमार रंजन की कट ऑफ से ज्यादा अंक आने के बाद भी उम्मीदवारी रद्द करने के मामले को लेकर दायर याचिका की सुनवाई गुरुवार हुई। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को आठ सप्ताह में नियुक्त करने का आदेश जेएसएससी को दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि बीसीए साइंस स्ट्रीम का अभिन्न अंग है। जस्टिस डॉ एसएन पाठक की कोर्ट ने याचिकाकर्ता की याचिका को स्वीकार कर लिया।
जेएसएससी ने ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर, फिजिकल एजुकेशन के विज्ञापन संख्या 21/2016 में अभ्यर्थियों के लिए साइंस, आर्ट्स या कॉमर्स स्ट्रीम में 45 प्रतिशत अंक के साथ ग्रेजुएशन की अर्हता निर्धारित की थी जबकि याचिकाकर्ता के पास बीसीए की डिग्री थी। परीक्षा में कट ऑफ से ज्यादा अंक लाने के बाद भी जेएसएससी ने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के समय प्रार्थी की उम्मीदवारी रद्द कर दिया था, जिसे उसने हाई कोर्ट की एकल पीठ में चुनौती दी थी।
खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की अपील को स्वीकृत करते हुए इस मामले को पुनर्विचार करने के लिए हाई कोर्ट की एकल पीठ के पास भेज दिया था। मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने कोर्ट को बताया की बीसीए साइंस स्ट्रीम का अभिन्न अंग है। भारत में एजुकेशन सेक्टर में आज के समय में कई बदलाव हुए हैं। कई नए कोर्स आए हैं, जो साइंस,आर्ट्स या कॉमर्स स्ट्रीम के अभिन्न अंग हैं। इस तरह बीसीए भी साइंस स्ट्रीम का अभिन्न अंग है। वर्ष 2014 में यूजीसी के गजट पब्लिकेशन में यह मेंशन किया गया है कि बीसीए साइंस स्ट्रीम का अभिन्न अंग है। इसी तरह के कई सारे और नए कोर्स साइंस, आर्ट्स या कॉमर्स स्ट्रीम के अभिन्न अंग है।