भगत सिंह चौक में थाईलैंड के बौद्ध मंदिर का दर्शन करेंगे श्रद्धालु

भगत सिंह चौक में थाईलैंड के बौद्ध मंदिर का दर्शन करेंगे श्रद्धालु

खूंटी, 13 अक्टूबर । एक समय था कि जब खूंटी के लोग दुर्गा पूजा के दौरान पंडाल और प्रतिमाओं के दर्शन के लिए रांची जाते थे, पर खूंटी में ही इस तरह के भव्य और आकर्षक पंडाल और मूर्तियां बनाई जा रही, जिसकी सुदंरता देखते ही बनती है।

वैसे जिला मुख्यालय खूंटी के शहरी क्षेत्र में 11 स्थानों पर मां दुर्गा की प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं, लेकिन इन पूजा पंडालों में सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति भगत सिंह चौक का पूजा पंडाल अपनी विशिष्ट पहचान और खास शैली के लिए जाना जाता है। प्रति वर्ष दुर्गा पूजा में भव्य पंडाल और आकर्षक साज सज्जा के कारण इस पूजा पंडाल की चर्चा जिले ही नहीं, बल्कि जिले के बाहर भी होती है। इस वर्ष भी पूजा समिति अपनी खास और अलग अंदाज में थाईलैंड के बौद्ध मंदिर के प्रारूप में भव्य पंडाल का निर्माण करा रही है।

पंडाल के निर्माण में स्टील और एल्यूमिनियम का उपयोग किया जा रहा है, जो श्रद्धालुओं के लिए खास आकर्षण का केंद्र होगा। स्टील और एल्यूमिनियम से बनने वाले पूजा पंडाल के निर्माण के लिए कटई दीघा, बंगाल के दर्जनों कारीगर पिछले एक महीने से दिन-रात काम में लगकर पंडाल को अंतिम रूप प्रदान करने में जुटे हैं। सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति भगत सिंह चौक के अध्यक्ष रूपेश जायसवाल ने बताया कि इस वर्ष पूजा में लगभग 20 लाख रुपये के खर्च का अनुमान है।

उन्होंने बताया कि ढ़ाई लाख की लागत से 12 फीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण बंगाल में कराया जा रहा है। प्रतिमा में भी स्टील की कोटिंग रहेगी, जो विशेष आकर्षण का केंद्र होगा। उन्होंने बताया कि इस बार पूजा में बंगाल चंदननगर की लाइटिंग के साथ ही स्थानीय चौरसिया लाइट द्वारा पूजा पंडाल के साथ ही आसपास क्षेत्रों में आकर्षक एवं मनभावन विद्युत सज्जा की जा रही है। अध्यक्ष ने बताया कि सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति भगत सिंह चौक के पूजा पंडाल में 15 अक्टूबर को कलश स्थापना के साथ नवरात्रि की पूजा प्रारंभ होगी तथा 20 अक्टूबर को षष्ठी तिथि में पूजा पंडाल का विधिवत उद्घाटन कर भक्तों के दर्शनार्थ पंडाल के पट खोल दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि माता रानी के दर्शन के लिए भक्तों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए पूजा समिति द्वारा विशेष व्यवस्था की जाएगी।

64 वर्ष पुराना है समिति के पूजा का इतिहास, पहली 159 रुपये में हुई थी

सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति भगत सिंह चौक में पूजा का इतिहास 64 वर्ष पुराना है। समिति के संस्थापक सदस्य स्व डॉ मनमथ नाथ शर्मा, स्व अखिल नाथ देवघरिया, रामकिशोर भगत, हरो नाथ धान (जोबरा बाबू) समेत कई लोगों ने वर्ष 1959 में पहली बार यहां प्रतिमा की स्थापना कर दुर्गा पूजा की शुरुआत की थी। पहली बार हुई इस पूजा में मात्र 159 रुपए खर्च हुए थे। समय के साथ-साथ पूजा पंडाल का आकार और स्वरूप बदलता गया और खर्च में भी बेतहाश वृद्धि हुई। आज इस पूजा पंडाल की गिनती जिले के प्रमुख पूजा पंडालों में होती है।

पूजा के सफल आयोजन में समिति के संरक्षक एवं संयोजक मंडली के साथ ही अध्यक्ष रूपेश जायसवाल, उपाध्यक्ष राजीव राम गौंझू , सुयश जायसवाल, संजय गुप्ता, शैलेंद्र मांझी, मुकेश जायसवाल, सचिव रितेश जायसवाल, सह सचिव अरिंदम दास, महामंत्री विश्वजीत देवघरिया, मंत्री भोला गुप्ता, आकाश गोप ,सुमित मिश्रा, कोषाध्यक्ष रोहित जैन, सह कोषाध्यक्ष अजय कुमार सिंह, संगठन मंत्री गौतम कुमार धान, लॉटरी प्रभारी राजेश गुप्ता, शंकर घोष, विजय सोमानी, अमर कुमार, पूजा प्रभारी बाबू सोनी, रोशन कुमार, पंकज चौरसिया आदि का सहयोग मिल रहा है।