काठमांडू, 28 अप्रैल । नेपाल में केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली पार्टी सीपीएन (यूएमएल) ने शुक्रवार को संसद में अयोग्य सेनानियों के नाम पर ली गई राशि का हिसाब नहीं दिखाए जाने का मुद्दा उठाया। पार्टी ने इस मामले में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड पर 95 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
सीपीएन (यूएमएल) के मुख्य सचेतक पदम गिरि ने संसद में कहा अयोग्य सेनानियों के सत्यापन के बाद पुनः सत्यापन के दौरान यह पता नहीं चल सका कि 2,451 कौन है। उन्होंने संसद में सवाल किया कि क्या तत्कालीन सीपीएन (एमसी) ने उसके नाम पर 95 करोड़ रुपये लिए थे? वह पैसा कहां गया? यूएमएल नेता गिरि ने प्रचंड की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह राशि अनियमित होने से प्रचंड सहित माओवादी नेताओं के खिलाफ जांच आयोग में शिकायत दर्ज की गई है। हालांकि, जांच आगे नहीं बढ़ी है। गिरि ने कहा कि महालेखाकार ने रिपोर्ट में ही इसका जिक्र किया है। देश वित्तीय संकट में है। उन्होंने फिर से पूर्व अयोग्य सेनानियों के नाम पर एक अरब 40 करोड़ रुपये आवंटित किए जाने पर आपत्ति जताई।
वित्त मंत्री डॉ. प्रकाशशरण महत ने संसद में जवाब दिया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। बताया गया है कि प्रचंड सरकार अयोग्य पूर्व लड़ाकों को प्रति व्यक्ति दो लाख देने का निर्णय लेकर एक प्रक्रिया बना रही है। विपक्ष ही नहीं, बल्कि सत्ता पक्ष के नेता भी इसका विरोध कर रहे हैं।