काठमांडू, 14 मार्च । नेपाल में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड विश्वास मत हासिल करने की तैयारी कर रहे हैं, इसके लिए उन्होंने गठबंधन के अन्य दलों के नेताओं से विचार-विमर्श शुरू कर दिया है।
इससे पहले सीपीएन(यूएमएल) और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी(आरपीपी) के समर्थन वापसी के साथ सरकार छोड़ने के बाद प्रधानमंत्री प्रचंड को संविधान के अनुसार विश्वास मत लेना पड़ेगा। प्रचंड के करीबी सूत्रों के मुताबिक उन्होंने 20 मार्च के भीतर विश्वास मत लेने की तैयारी कर ली है।
समझा जाता है कि प्रधानमंत्री प्रचंड ने विश्वास मत लेने के बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार की नीति अपनाई है। मौजूदा समय में प्रधानमंत्री प्रचंड 16 मंत्रालय खुद संभाल रहे हैं।
नेपाली कांग्रेस ने 16 मंत्रालयों में से 8 मंत्रालय मांगा है। माधव कुमार नेपाल के नेतृत्व वाली सीपीएन (यूएस), उपेंद्र यादव के नेतृत्व वाली जनता समाजवादी पार्टी, महंत ठाकुर के नेतृत्व वाली लोकतान्त्रिक समाजवादी पार्टी, सीके राउत के नेतृत्व वाली जनमत पार्टी और प्रभु शाह के नेतृत्व वाली आम जनता पार्टी भी सरकार में आने की तैयारी कर रही है।
रंजना श्रेष्ठ चौधरी के नेतृत्व वाली नागरिक उन्मुक्ति पार्टी और चित्र बहादुर केसी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जन मोर्चा सरकार में शामिल होने के लिए तैयार नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि वे सरकार का समर्थन करेंगे।
नेपाली कांग्रेस, सीपीएन (एमसी) और विभिन्न अन्य छोटे दलों ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक नया समीकरण बनाया था। विपक्ष में सिर्फ सीपीएन (यूएमएल) नजर आया। आरपीपी और नेपाल वर्क एंड पीजेंट पार्टी ने किसी को वोट नहीं किया।