इस्लामाबाद, 08 अप्रैल । पाकिस्तान की बदतर आर्थिक हालात के बीच अगले तीन साल में देश को बाहरी कर्ज के लिए 77.5 अरब डॉलर चुकाने होंगे। ऐसे हालात में आने वाले समय में अर्थव्यस्था को लेकर विश्लेषकों ने चिंता जताई है। यूएस इंस्टीट्यूट आफ पीस (यूएसआइपी) के अनुसार अप्रैल 2023 से जून 2026 तक पाकिस्तान को 77.5 अरब डालर का बाहरी कर्ज चुकाने होंगे।
कर्ज के रूप में 77.5 अबर डॉलर का भुगतान अगले तीन वर्षों में चीन के वित्तीय संस्थानों, निजी लेनदारों और सऊदी अरब को किया जाएगा। हालांकि पाकिस्तान के खिलाफ 350 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए यह एक भारी बोझ है।
यूएसआइपी ने अपने विश्लेषण में कहा है कि इस बात का वास्तविक खतरा है कि पाकिस्तान अपने कर्ज पर चूक कर सकता है। इसके चलते पहले से ही बढ़ते आतंकवाद के बीच राजनीतिक उथल-पुथल तेज हो सकती है। 23 करोड़ आबादी वाला परमाणु-सशस्त्र पाकिस्तान अपने बाहरी ऋण दायित्वों को पूरा करने में असमर्थ होने के कारण उस पर डिफॉल्टर होने का खतरा मंडरा रहा है। वहीं पाकिस्तान में हालात बेहद खराब हो चुके हैं। नकदी की कमी से पकिस्तान से आयात बाधित होने के साथ ही जरूरी वस्तुओं के दाम और बढ़ जाने का खतरा है। इतना ही कुछ वस्तुओं की कमी भी हो सकती है। श्रीलंका में हम यह स्थिति देख चुके हैं।