काठमांडू, 16 मार्च । पुष्प कमल दहल प्रचंड तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने अपनी पहली विदेश यात्रा में भारत को प्राथमिकता दी है। प्रधानमंत्री के करीबी सूत्रों के मुताबिक वे अप्रैल की शुरुआत में भारत जाने की तैयारी कर रहे हैं।
वर्ष 2008 में पहली बार जब पुष्प कमल दहल प्रचंड प्रधानमंत्री बने तो प्रचंड ने चीन से अपनी पहली विदेश यात्रा शुरू की। नेपाल के सभी प्रधानमंत्रियों की भारत से अपनी पहली विदेश यात्रा शुरू करने की परंपरा को तोड़ते हुए, उन्होंने चीन की अपनी पहली विदेश यात्रा कर परंपरा को तोड़ा। तब ऐसे विश्लेषण थे कि प्रचंड ने भारत की बजाय चीन के साथ संबंधों को तरजीह दी।
लेकिन वर्ष 2016 में जब प्रचंड दूसरी बार प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने दो महीने से भी कम समय में भारत का दौरा किया। उन्होंने उस समय भारत को प्राथमिकता में रखते हुए अपना पहला विदेश दौरा किया था। अब जब प्रचंड तीसरी बार प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने अपनी पहली विदेश यात्रा में भारत को प्राथमिकता दी है।
प्रधानमंत्री के करीबी सूत्रों के मुताबिक वे अप्रैल की शुरुआत में भारत जाने की तैयारी कर रहे हैं। उपराष्ट्रपति का चुनाव 17 मार्च को समाप्त होने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार और भारत दौरे का होमवर्क तेज हो गया है।
प्रधानमंत्री बनने के तीन महीने में प्रचंड को विदेशों में विभिन्न सम्मेलनों में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया, लेकिन वे नहीं गए। वे चीन के हेनान प्रांत में 28 से 31 मार्च तक होने वाले बोआओ सम्मेलन में भी हिस्सा नहीं लेंगे। नेपाल में चीन के राजदूत चैन सॉन्ग ने 22 फरवरी को प्रचंड से मुलाकात की थी और उन्हें बोआओ फोरम फॉर एशिया में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था।
भारत में नेपाल के राजदूत डॉ. शंकर शर्मा ने प्रचंड की भारत यात्रा की तैयारी के लिए नेपाल आए और 15 मार्च को नई दिल्ली लौट गए। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक प्रचंड ने विदेश मंत्रालय से राजदूत शर्मा को अपनी पहली भारत यात्रा की तैयारी के निर्देश दिए हैं।