सोमवार को चितवन जिले में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रचंड ने यह भी कहा कि वे लामिछाने की जायज मांगों को पूरा करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, सरकार का समर्थन कीजिए, मैं भ्रष्टाचार की कोई भी फाइल खोलने को तैयार हूं।
रविवार को ही प्रधानमंत्री प्रचंड ने लामिछाने को अपने आवास बालुवाटार में बुला कर चर्चा की थी। लामिछाने ने संकेत दिया कि सरकार को दिया गया समर्थन वापस लिया जा सकता है। इस पर फैसला लेने के लिए आज आरएसपी की केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक हो रही है।
हालांकि, प्रधानमंत्री प्रचंड ने दावा किया कि आरएसपी सरकार को दिया गया समर्थन वापस नहीं लेगी। उन्होंने कहा, मुझे समर्थन वापसी की स्थिति नहीं दिख रही है। सरकार में भागीदारी पर चर्चा हो रही है।
प्रचंड के प्रधानमंत्री बनने के तुरंत बाद लामिछाने उप प्रधान मंत्री के साथ गृह मंत्री के रूप में सरकार में शामिल हुए थे।
हालांकि, नागरिकता मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लामिछाने की संसद सदस्यता खत्म हुई थी और उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा। वे 23 अप्रैल को तीन संसदीय सीटों पर हुए उपचुनाव में चितवन क्षेत्र संख्या 2 से जीतकर संसद में पहुंचे।
आरएसपी 21 सीटों के साथ नेपाल की संसद में चौथी सबसे बड़ी ताकत है। वह पुरानी पार्टियों को चुनौती देकर अपनी ताकत बढ़ा रहा है।