काठमांडू, 08 जून । नेपाल में सात बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं के विकास का जिम्मा भारतीय कंपनियों को सौंपा गया है। इसके बाद इन्हें विकसित करने में तेजी आई है। इन सात परियोजनाओं से 4,639 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
नेपाल के प्रधान मंत्री पुष्प कमल दाहाल प्रचंड की भारत यात्रा के दौरान दो नई जलविद्युत परियोजनाओं के विकास के संबंध में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। नई अनुबंधित जलविद्युत परियोजनाओं में अपर अरुण और फुकोट करनाली शामिल हैं। भारतीय कंपनी को सौंपी गई जलविद्युत परियोजनाओं में 900 मेगावॉट के अरुण थर्ड, 490 मेगावॉट के अरुण फोर्थ, 669 मेगावॉट के लोअर अरुण, 750 मेगावॉट के वेस्ट सेती, 450 मेगावॉट के सेती नदी-6, 480 मेगावॉट के फुकोट करनाली और 900 मेगावॉट के अपर करनाली शामिल हैं।
निर्माण के लिए भारतीय कंपनी को सौंपे गए प्रोजेक्ट्स में अरुण थर्ड, वेस्ट सेती और सेती नदी-6 का काम तेजी से चल रहा है। नेपाल के निवेश बोर्ड ने कहा है कि इन परियोजनाओं का काम संतोषजनक ढंग से आगे बढ़ रहा है। भारत के अलावा नेपाल में भी अन्य देशों की कंपनियों ने जलविद्युत परियोजनाओं में निवेश की इच्छा दिखाई है। हालांकि, गैर-भारतीय कंपनियां अन्य देशों द्वारा निवेश की गई परियोजनाओं से बिजली नहीं खरीदने के भारत सरकार के निर्देश के कारण परियोजना से हट गईं हैं। खासकर चीनी कंपनियों ने हाथ पीछे खींच लिए हैं।