इस्लामाबाद, 10 मई । पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री एवं पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान की मुश्किलें बुधवार को उस समय और बढ़ गईं, जब उन्हें तोशाखाना मामले में दोषी करार दिया गया। अब उन्हें सजा सुनाई जाएगी, जिससे उनका जेल जाना तय हो गया है। हालांकि अल-कादिर ट्रस्ट मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया गया है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री खान को इस्लामाबाद पुलिस लाइन में न्यायाधीशों के समक्ष पेश किया गया, जिसे मंगलवार देर रात एकमुश्त व्यवस्था के रूप में अदालत का दर्जा दिया गया।
इमरान खान पहले जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश मोहम्मद बशीर के समक्ष पेश हुए, जिन्होंने बचाव पक्ष और वादी की दलीलें पूरी होने के बाद अल-कादिर ट्रस्ट गबन मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया। राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने 14 दिन की रिमांड का अनुरोध किया था, जो कानून में अधिकतम अनुमति है।
खान को भ्रष्टाचार के मामले में स्वायत्त भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी एनएबी के आदेश पर रेंजर्स ने मंगलवार को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें पूछताछ के लिए रावलपिंडी स्थित कार्यालय ले जाया गया। बाद में, खान की गिरफ्तारी पर फैसला सुरक्षित रखने की घोषणा करते हुए इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी कानूनी थी, इसलिए खान की कानूनी टीम ने सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती दी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए याचिका खारिज कर दी।
उल्लेखनीय है कि इमरान पर प्रधानमंत्री रहने के दौरान मिले तोहफों को तोशाखाने से सस्ते दाम पर लेकर महंगे दाम पर बेचने का आरोप है।