बैंकॉक, 24 अप्रैल । संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बान की मून दुनिया भर में शांति-निर्माण और मानवाधिकार पहलों में संलग्न वरिष्ठ राजनेताओं के एक समूह की ओर से सैन्य-शासन वाले म्यांमा के औचक दौरे पर पहुंचे। दक्षिण कोरिया के एक राजनयिक ने सोमवार को यह जानकारी दी।
द एल्डर्स के उपाध्यक्ष बान के राजधानी नेपीता में आगमन की घोषणा रविवार रात सरकारी प्रसारक एमआरटीवी द्वारा की गई। एमआरटीवी के मुताबिक मून एक छोटे प्रतिनिधिमंडल के साथ पहुंचे तथा रक्षा और विदेश मामलों के उप मंत्रियों द्वारा उनका स्वागत किया गया।
दक्षिण कोरियाई दूतावास के एक अधिकारी ने मीडिया से बातचीत के लिए अधिकृत नहीं होने के कारण नाम न जाहिर करने के अनुरोध पर कहा, बान की मून की यह यात्रा पूरी तरह से द एल्डर्स द्वारा निर्धारित की गई थी। हम इस प्रक्रिया में शामिल नहीं हैं। यह आधिकारिक दौरा नहीं है। यह संभवत: दो दिवसीय दौरा है। वह शाम को रवाना हो जाएंगे।
बान की मून दक्षिण कोरिया के पूर्व विदेश मंत्री हैं। द एल्डर्स ने अभी तक बान की यात्रा के बारे में कोई विवरण जारी नहीं किया है। म्यांमा की सैन्य सरकार की तरफ से भी कोई जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन यह निश्चित तौर पर म्यांमा के चल रहे राजनीतिक संकट से निपटने की पहल नजर आती है। द एल्डर्स समूह की स्थापना नेल्सन मंडेला ने 2007 में की थी।
नेपीता में एक अधिकारी ने कहा कि बान का सोमवार सुबह देश के शीर्ष नेता वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से मुलाकात करने और राष्ट्रीय संग्रहालय का दौरा करने का कार्यक्रम है। अधिकारी ने भी नाम न जाहिर करने के अनुरोध के साथ यह जानकारी दी क्योंकि वह सूचनाएं जारी करने के लिए अधिकृत नहीं है।
आंग सान सू ची की चुनी हुई सरकार को सेना द्वारा एक फरवरी, 2021 को अपदस्थ किए जाने के बाद से म्यांमा में हिंसक अशांति व्याप्त है। सेना की इस कार्रवाई का बड़े पैमाने पर सार्वजनिक विरोध हुआ। सुरक्षा बलों ने हालांकि इसे बर्बरता से कुचल दिया और तब से यह व्यापक सशस्त्र प्रतिरोध में बदल गया।