कानपुर। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से हुई ओलावृष्टि और बारिश से फसलों को काफी नुकसान हुआ है, लेकिन अब बारिश की संभावना नहीं है। यह अलग बात है कि अभी पश्चिमी विक्षोभ का असर रहेगा और अगले पांच दिनों तक आसमान बादलों से घिरा रहेगा।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने सोमवार को बताया कि एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर और उत्तरी पाकिस्तान पर बना हुआ है। एक ट्रफ दक्षिण-पूर्व उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश आंतरिक तमिलनाडु, विदर्भ, मराठवाड़ा होते हुए निचले स्तरों पर आंतरिक कर्नाटक तक फैली हुई है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्वी बांग्लादेश और इससे जुड़े क्षेत्रों पर बना हुआ है। एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ 29 मार्च की रात से पश्चिमी हिमालय तक पहुंच सकता है।
बताया कि अधिकतम तापमान 31.8 और न्यूनतम तापमान 16.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह की सापेक्षिक आर्द्रता 80 और दोपहर की सापेक्षिक आर्द्रता 33 प्रतिशत रही। हवाओं की दिशाएं उत्तर पश्चिम रहीं जिनकी औसत गति 4.9 किमी प्रति घंटा रही।