विधायक दुड़ाराम के आश्वासन के बाद फतेहाबाद में परिजनों ने खत्म किया धरना
फतेहाबाद, 5 सितम्बर । जिले के गांव नाढोडी के रहने वाले हरपाल बिश्नोई की पुलिस कस्टडी में मौत के मामले में बिश्नोई समाज द्वारा फतेहाबाद में डीसी कार्यालय के बाहर दिया जा रहा धरना मंगलवार सुबह भी जारी रहा। हालांकि इस मामले में हिसार पुलिस द्वारा इंस्पेक्टर पवन सहित सात पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है।
धरने पर बैठे मृतक के परिजनों व अन्य ग्रामीणों ने सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। इसके बाद फतेहाबाद के विधायक दुड़ाराम स्वयं धरना स्थल पर पहुंचे और लोगों से बातचीत की। विधायक द्वारा मामले की निष्पक्षता से जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिए जाने के बाद धरने पर बैठे सर्वसमाज के लोगों ने धरना स्थगित करने की घोषणा की। साथ ही यह चेतावनी भी दी कि अगर इस मामले में जल्द आरोपियों पर सख्त कार्यवाही नहीं हुई तो वे दोबारा धरना शुरू कर देंगे।
धरने पर पहुंचे विधायक ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
धरनास्थल पर पहुंचे विधायक दुड़ाराम ने कहा कि इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए, वह कम है। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कुलदीप बिश्नोई द्वारा सीएम मनोहर लाल से कई बार बातचीत की गई है। इस पर सीएम द्वारा सोमवार को आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए थे। रात को ही पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सीएम ने उन्हें कहा है कि इस मामले में जो भी गुनहगार होगा, उससे कोई रियायत नहीं बरती जाएगी। नीचे से लेकर ऊपर तक बारीकी से मामले की जांच होगी कि यह घटना क्यों घटित हुई और पीडि़त परिवार को पूरा न्याय मिलेगा।
विधायक दुड़ाराम ने कहा कि पूरा भजनलाल परिवार इस दु:ख की घड़ी में समाज के साथ है। उन्होंने धरने पर बैठे मृतक हरपाल बिश्नोई के परिजनों व अन्य ग्रामीणों से रोहतक डेड बॉडी लाने और मृतक को अंतिम विदाई देने की अपील की। इस पर धरने पर बैठे लोगों ने पीडि़त परिवार को नौकरी की मांग की तो विधायक दुड़ाराम ने इस मामले को लेकर भी सीएम से बातचीत करने का आश्वासन दिया। इसयके बाद धरनास्थल पर बैठे लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना की और धरना स्थगित करने की घोषणा की गई।
एफआईआर में मृतक की पत्नी ने लगाए गंभीर आरोप
हिसार पुलिस ने मृतक हरपाल की पत्नी सुमन की शिकायत पर नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो के इंस्पैक्टर पवन कुमार, एचसी नवीन कुमार, एएसआई जसबीर, सिपाही प्रमोद कुमार, सिपाही राजबीर, सिपाही राजेश, सहायक उपनिरीक्षक हेमराज के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया है। सुमन ने कहा है कि उसका पति हरपाल सिंह 1 जुलाई की शाम को घरेलू सामान लेने के लिए बाजार गया था लेकिन 2 घंटे बीत जाने के बाद भी वह घर नहीं आया।
अगले दिन सुबह उनके पास नारकोटिक्स सेल रोहतक से हेमराज एएसआई का फोन आया और उसने कहा कि हरपाल को पुलिस ने पकड़ लिया है और वह रोहतक के अर्बन एस्टेट थाने में है। सुमन ने कहा कि इसके बाद वह अपने ननदोई प्रमोद निवासी हिसार के साथ रोहतक थाने पहुंची तो पुलिस वालों ने उन्हें हरपाल से मिलने नहीं दिया और कोर्ट जाने की बात कही। बाद में जब पुलिस कर्मचारी हरपाल को लेकर जा रहे थे तो उस दौरान उसके पति ने उससे कहा कि 15-20 लाख का इंतजाम करो, नहीं तो मुझे पवन इंस्पैक्टर व इसके साथी साजिश के तहत तंग करेंगे।
हरपाल ने उन्हें बताया कि पवन इंस्पेक्टर की टीम साजिश के तहत उसे फतेहाबाद से उठाकर रोहतक लाई है और उसे झूठे मुकदमें में फंसाया जा रहा है। सुमन ने कहा कि इसके बाद इन लोगों ने उसके पति को बुरी तरह टार्चर किया जिससे वह बेहोश हो गया। बाद में उससे कहा गया कि उसके पति को झारखंड ले गए है जबकि सच्चाई यह है कि बेहोश होने के कारण हरपाल को निजी अस्पताल में भर्ती करवा रखा था। अस्पताल का डॉक्टर साहिल पोपली भी हर कृत्य में पवन इंस्पेक्टर का साथ देता है। जब उसे हरपाल के अस्पताल में भर्ती होने का पता चला तो वह अस्पताल पहुंची जहां हरपाल बेहोश था। इसके बाद कोर्ट के आदेशों के बाद उसे पीजीआई रोहतक दाखिल करवाया गया जहां 31 अगस्त को हरपाल की मौत हो गई। सुमन ने आरोप लगाया कि पवन इंस्पैक्टर व उसके साथियों ने पुलिस कस्टडी में हरपाल के साथ मारपीट कर उसकी हत्या की है।