साय सरकार में व्यवस्था अव्यवस्था में बदल चुकी है : भूपेश

साय सरकार में व्यवस्था अव्यवस्था में बदल चुकी है : भूपेश

रायपुर, 2 दिसंबर । पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश ने साेमवार काे पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि विष्णुदेव सरकार में सभी व्यवस्था अव्यवस्था में बदल चुकी है। आयुष्मान कार्ड का एक भी मरीज को इसका लाभ नहीं मिल रहा, सरकार ने एक साल से अस्पतालों का कोई भुगतान नहीं किया है। हमारी सरकार में 24 घंटे में भुगतान हो जाता था। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल की स्थिति बदहाल है। इसके लिए कोई बजट नहीं है, चाक और डस्टर खरीदने के पैसे नहीं, जिन्होंने निजी स्कूलों से ट्रांसफर कराकर वहां भर्ती किया था, वापस निजी स्कूलों में ले गए। धान खरीद केंद्रों की आज स्थिति यह है कि किसान टोकन लेकर भी धान नहीं बेच पाएंगे। सरकार ने राइस मिलर को एक साल से भुगतान नहीं किया। सौर ऊर्जा, रेडी टू ईट का हाल बदहाल है।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश ने राजीव युवा मितान क्लब को लेकर कहा कि हमारी सरकार के समय युवाओं को सामाजिक कार्यो से जोड़ने के लिये यह बनाया गया था, भाजपा ने भंग कर दिया। युवा खाली है। उनका सम्मेलन था। एक ही मीटिंग से भाजपा तिलमिला गयी। गौठानों को भंग कर दिया। गोठान समितियां महिला स्व सहायता समितियां भी सम्मेलन करने वाली है, मुझको बुलायेगी वहां भी जाऊंगा। इसका मतलब वहां भी नया पार्टी बनाने जाऊंगा। कांग्रेस पार्टी ने मुझे सब कुछ दिया, सम्मान दिया, पीसीसी अध्यक्ष बनाया, मुख्यमंत्री बनाया। अनेक बार मंत्री बनाया, मंत्री बनाया लोकसभा, विधानसभा सभी का टिकट दिया। हर बड़े चुनाव में जिम्मेदारी मिलती है ,ऑबजर्वर बनाते हैं ,मैं क्यों असंतुष्ट रहूंगा?

सीएम के सलाहकार पंकज झा के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश ने कहा कि भाजपा और सरकार के बयान देने वाले नेताओं की हो गई है कमी, सरकार के वेतनमान वाले सलाहकार सरकार चला रहे हैं क्या ? मुझे कांग्रेस पार्टी ने सब कुछ दिया है। साय सरकार को मेरी नहीं अपनी चिंता करनी चाहिए। मुझे युवा, महिला, मजदूर, किसान सभी संगठन के लोग आमंत्रित कर रहे हैं। मैं सभी संगठनों के सम्मेलन में शामिल होता रहूँगा।

नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ होने के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश ने कहा कि संविधान को भाजपा मानती नहीं है। संविधान में है कि 6 माह पहले चुनाव करा सकते हैं, 6 माह चुनाव टाल नहीं सकते। भाजपा में असंवैधानिक अध्यादेश जारी किया है। अब तक मतदाता सूची प्रकाशित नहीं कर पाए। अब तक आरक्षण तय नहीं कर पाए हैं। अब तक महापौर डायरेक्ट होगा या इनडायरेक्ट इसको तय नहीं कर पाए। सरकार निकाय चुनावों को टालना चाहती है।