रिजर्व बैंक ने 2023-24 के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा

रिजर्व बैंक ने 2023-24 के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा

- महंगाई दर का अनुमान 5.1 फीसदी से बढ़ाकर 5.4 फीसदी किया गया

- टमाटर, अन्य सब्जियां महंगी होने से मुद्रास्फीति के अनुमान में इजाफा

मुंबई/नई दिल्ली, 10 अगस्त । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। हालांकि, आरबीआई ने अपने महंगाई दर के अनुमान को 5.1 फीसदी से बढ़ाकर 5.4 फीसदी कर दिया है। रिजर्व बैंक ने टमाटर और अन्य सब्जियां महंगी होने की वजह से मुद्रास्फीति के अनुमान में इजाफा किया है।

आरबीआई गवर्नर ने गुरुवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीति (एमपीसी) बैठक के बाद यहां प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि घरेलू स्तर पर आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं। शक्तिकांत दास ने बताया कि एमपीसी का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2023-24 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.5 फीसदी रहेगी। पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर आठ फीसदी, दूसरी में 6.5 फीसदी, तीसरी में 6 फीसदी और चौथी में 5.7 फीसदी रहने का अनुमान है।

शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 6.6 फीसदी रहने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर 5.4 फीसदी पर रहने का अनुमान है। इसी तरह दूसरी तिमाही में महंगाई दर 6.2 फीसदी, तीसरी में 5.7 फीसदी और चौथी में 5.2 फीसदी रहेगी। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अगले वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में खुदरा महंगाई दर 5.2 फीसदी पर रहने का अनुमान है।

उल्लेखनीय है कि मई में खुदरा महंगाई दर 4.3 फीसदी पर थी, जो जून में बढ़कर 4.8 फीसदी पर पहुंच गई। मुख्य रूप से खाने-पीने का सामान महंगा होने से खुदरा महंगाई दर में इजाफा हुआ है। रिजर्व बैंक ने लगातार तीसरी बार नीतिगत ब्याज दर को 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा है।