बेगूसराय, 31 अगस्त। दुनिया का सातवां सबसे मजबूत तेल और गैस ब्रांड तथा संपूर्ण ऊर्जा समाधान के साथ देश के विकास में सतत योगदान दे रहा इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन एक सितम्बर को अपने स्थापना का 64 वर्ष पूरा कर रहा है। स्थापना दिवस के अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
देश के गौरवशाली यात्रा में इंडियन ऑयल विगत 64 वर्षों से पूरी लगन और समर्पण के साथ देश की सेवा में अग्रसर है। एक ओर रिफाइनरियों की स्थापना से रोजगार सृजन हुआ, जिसके कारण देश और समाज की आर्थिक उन्नति हुई। वहीं, विभिन्न लाभकारी योजनाओं से समाज के अंतिम व्यक्ति को मुख्यधारा से जोड़ने में सक्षम प्रयास किया गया।
विकासशील और तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था वाले राष्ट्र भारत के सतत विकास में इंडियन ऑयल केवल ईंधन ही नहीं, संपूर्ण ऊर्जा समाधान के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इंडियन ऑयल लगातार वैकल्पिक ऊर्जा समाधानों के माध्यम से सतत विकास के लिए अपनी सीमाओं का विस्तार कर रहा है। जिसमें सीएनजी, सीबीजी, इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल, बायोफ्युल, ऑटोगैस तथा हाईड्रोजन एनर्जी शामिल है।
बरौनी रिफाइनरी प्रमुख एवं कार्यपालक निदेशक आर.के. झा ने कहा है कि हाल ही में इंडियन ऑयल को फॉर्च्यून ग्लोबल 500 रैंकिंग में 94वां स्थान प्राप्त हुआ है जो एक बड़ी जिम्मेदारी देता है। इंडियन ऑयल देश की ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पूरी लगन के साथ समर्पित है। इसी भाव को लक्ष्य में समाहित करते हुए इंडियन ऑयल ने अपने नीतिपरक मूल्यों संरक्षण, नवोन्मेष, लगन और विश्वास में अब पांचवा मूल्य देश पहले को जोड़ा है।
पहले इंडियन फिर ऑयल के मूलमंत्र को आत्मसात कर आगे बढ़ रहे इंडियन ऑयल के अध्यक्ष एस.एम. वैद्य को हाल ही में सीईओ वर्ल्ड मैगजीन द्वारा भारत में शीर्ष सीईओ और वैश्विक सीईओ में 81वें स्थान पर घोषित किया गया है। इंडियन ऑयल ने इतनी उल्लेखनीय प्रगति की है जितनी पहले कभी नहीं हुई थी। इंडियन ऑयल रिफाइनरियों ने पिछले साल के 67.67 मिलियन मीट्रिक टन की तुलना में 72.4 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक का उच्चतम थ्रूपुट हासिल किया है।
उल्लेखनीय है कि बिहार के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में भी इंडियन ऑयल पूरी तरह से समर्पित है। एक एमएमटीपीए की रिफाइनरी क्षमता के साथ असम के कच्चे तेल को संशोधित करने के लिए बनाई गई बरौनी रिफाइनरी आज छह एमएमटीपीए क्षमता के साथ देश ही नहीं, पड़ोसी देश नेपाल की भी इंधन जरूरतों को पूरा कर रही है। 2025 से इंडियन ऑयल की बरौनी रिफाइनरी नौ एमएमटीपीए की क्षमता के साथ पॉलिप्रोपिलीन का उत्पादन शुरू कर सकती है।
इससे व्यापार के अवसर मिलेंगे तथा बिहार में पेट्रोकेमिकल युग की शुरुआत होगी। अब बरौनी रिफाइनरी में हवाई जहाज के ईंधन का भी उत्पादन शुरू हो गया है। बरौनी रिफाइनरी एटीएफ और पाइपलाइन कम्पेटिबल केरोसीन (पीसीके) के उत्पादन के लिए इंडियन ऑयल के आरएंडडी डिवीजन द्वारा विकसित स्वदेशी तकनीक का उपयोग करने वाली पहली इकाई है। इंडजेट इकाई एटीएफ का उत्पादन कर बिहार के हवाई अड्डों की ईंधन आवश्यकता को पूरा कर रही है।
इंडियन ऑयल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित स्वच्छ भारत मिशन का समर्थन करने के लिए कई प्रयास कर रहा है। हरित भविष्य के निर्माण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेट जीरो लक्ष्य के लिए विश्व का तीसरा और भारत का पहला ग्रीन कूलिंग टावर बरौनी रिफाइनरी में स्थापित किया। जिससे करीब 1126 मीट्रिक टन कार्बन ऑक्साइड प्रति वर्ष गैस उत्सर्जन कम हो रहा है। इसके अलावा भी पर्यावरण संरक्षण के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं।