अहमदाबाद(कर्णावती), 10 अप्रैल । कोरोना महामारी के दौरान देश की आर्थिक व्यवस्था पर गंभीर असर होने के बाद अब इससे उबरने के साथ ही आर्थिक जगत के लिए अच्छे समाचार आने लगे हैं। खासकर गुजरात राज्य में अर्थ व्यवस्था की मजबूती और पुराने हालात को पीछे छोड़ने की खबर है। गुजरात के सभी बैंकों से मिले आंकड़ों के अनुसार पिछले एक साल में जहां राज्य के क्रेडिट रेशियों में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई, वहीं बैंक डिपाजिट में भी उछाल देखा गया।
खर्च कम, आवक अधिक से आर्थिक मजबूती
दिसंबर 2021 में गुजरात के बैंकों में कुल 9,30423 करोड़ रुपये जमा थे। वहीं गत साल दिसंबर2022 में यह राशि बढ़कर 10 लाख, 24 हजार, 264 करोड़ रुपये हो गई। यानी एक वर्ष में गुजरात के लोगों ने राज्य के विभिन्न बैंकों में 93841 करोड़ रुपये अधिक जमा किए। यह अतिरिक्त राशि करीब 10 फीसदी है।
यह आंकड़ा बताता है कि गुजरात के लोगों की आवक इस दौरान खर्च से अधिक रही, जिससे लोगों ने बचत के रुपए जमा कराए। यह राज्य की आर्थिक स्थिति के सुदृढ़ होने का भी संकेत माना जा रहा है। दिसंबर 2021 में गुजरात के बैंकों ने कारोबार-रोजगार, योजनाओं समेत विभिन्न कारणों से राज्य के लोगों को 722922 करोड़ रुपये का लोन (एडवांस) दिए। जबकि दिसंबर, 2022 में इन बैंकों ने गुजरात के लोगों को 814532 करोड़ रुपये के लोन दिए। इसका अर्थ हुआ कि एक वर्ष के दौरान गुजरात के लेागों ने 91590 करोड़ रुपये अधिक लोन प्राप्त किया। जो कि करीब 13 फीसदी है।
धंधा-रोजगार के लिए लोन भी अधिक लिए
इसी तरह दिसंबर 2021 से दिसंबर 2022 तक एक वर्ष के दौरान एक ओर गुजरात के लोगों ने बैंकों में 1024264 करोड़ रुपये जमा कराए, वहीं दूसरी ओर कारोबार-रोजगार समेत अन्य कारणों से 814532 करोड़ रुपये का लोन भी लिया। यानी डिपोजिट में करीब 10 फीसदी के वृद्धि के सामने क्रेडिट (लोन एडवांस) में 12.67 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। इससे साफ होता है कि दिसंबर 2021 में गुजरात के बैंकों का क्रेडिट डिपोजिट रेशियो 77.70 फीसदी था। वहीं दिसंबर 2022 में यह बैंक क्रेडिट रेशियो 79.52 फीसदी हो गया। इसका आशय हुआ कि इस दौरान गुजरात के लोगों की ओर से की गई बैंक डिपोजिट के सामने विभिन्न कारणों से 79.52 फीसदी क्रेडिट (लोन एडवांस) भी लिए।
गुजरात के सभी 33 जिलों में यह रेशियो एक समान नहीं है। राज्य के डांग, नवसारी, आणंद और पोरबंदर जैसे जिलों में यह क्रेडिट डिपॉजिट रेशियो 40 फीसदी से नीचे है और यह सरकार के लिए भी चिंता का विषय है। इन चार जिलों में जहां बैंक बचत कम है, वहीं धंधा-रोजगार के लिए भी लोगों ने कम लोन लिए।